मुश्किल में मुनव्वर राणा, तालिबान से की थी महर्षि वाल्मीकि की तुलना, गुना में FIR दर्ज

गुना। मशहूर शायर मुनव्वर राणा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. रामायण लिखने वाले महर्षि वाल्मीकि की तुलना तालिबान से करने के मामले में उनके खिलाफ मध्‍य प्रदेश के गुना में एफआईआर दर्ज की गई है. मुनव्‍वर राणा पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया गया है. मध्य प्रदेश पुलिस के मुताबिक, भाजपा (BJP) के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के राज्य सचिव सुनील मालवीय और वाल्मीकि समुदाय के अन्य सदस्यों की शिकायत के बाद सोमवार को गुना में मुनव्‍वर राणा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.

दरअसल, मुनव्‍वर राणा ने एक चैनल से बात करते हुए कहा था, ‘वाल्मीकि रामायण लिखने के बाद भगवान बने, उससे पहले वह एक डाकू थे. व्यक्ति का चरित्र बदल सकता है. इसी तरह तालिबान अभी के लिए आतंकवादी हैं, लेकिन लोगों के चरित्र बदल जाते हैं.’ भाजपा नेता मालवीय ने आरोप लगाया कि राणा ने अपनी टिप्पणियों से महर्षि वाल्मीकि का अपमान किया और वाल्मीकि समुदाय और हिंदुओं की भावनाओं को आहत किया है. उन्होंने कहा, ‘मुनव्‍वरण राणा ने महर्षि वाल्मीकि की तुलना तालिबान से कर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, इसलिए हमने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.

पुलिस ने कही यह बात

गुना के पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा ने सोमवार को बताया कि शायर मुनव्वर राणा के खिलाफ कोतवाली में मामला दर्ज किया गया था, जबकि मामला संबंधित जिले (उत्तर प्रदेश में लखनऊ) को भेजा जाएगा. राणा के खिलाफ आईपीसी की धारा 505 (2) (सार्वजनिक शरारत के लिए बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया और यूपी के लखनऊ के हजरतगंज थाने में भेजा जा रहा है. वैसे इस मामले में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा युवा और हिंदू महासभा ने भी लखनऊ के हजरतगंज थाने में शुक्रवार को मुकदमा दर्ज कराया था. एसीपी राघवेंद्र मिश्रा हजरतगंज के मुताबिक, मुनव्वर राणा के खिलाफ धार्मिक भावना भड़काने, सार्वजनिक शांति के विरुद्ध अपराध करने व एससीएसटी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.

तालिबान को को बताया था सही

राणा का कहना था कि तालिबानी लड़ाकों ने किसी मुल्क पर हमला नहीं किया बल्कि उन्होंने अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान में अपनी सैन्य ताकत के बलबूते जो सरकार बनाई गई थी उसे ही उखाड़ फेंका है. इस तरह तालिबान ने तो अपने मुल्क को आजाद कराया है. इसके अलावा उन्होंने कहा था कि जब हिंदुस्तान अंग्रेजों का गुलाम था तो देशवासियों ने उसे आजाद कराया गया था. उसी तरह तालिबान ने भी अपना मुल्क आजाद करा लिया तो क्या दिक्कत है.

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