केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार करने के लिए फॉलो करने पड़ते हैं यह प्रोटोकॉल, जाने पूरी प्रक्रिया

मुंबई। 24 अगस्त 2021 को देश के केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को गिरफ्तार होने का मामला सामने आया था. इसके बाद सियासी गलियारों में हलचल मच गई थी. बता दें कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर विवादास्पद टिप्पणी देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था.

इसके बाद उन्हें अदालत से जमानत मिल गई. बता दें कि किसी केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार करना इतना आसान काम नहीं है. आइए जानते हैं उन प्रोटोकॉल्स के बारे में जिसे किसी केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार करने के लिए फॉलो करना पड़ता है.

यह है नियम
आपको बता दें कि जब देश का संसद सत्र चल रहा होता है तो केंद्रीय मंत्री कई तरह की स्पेशल सुविधाएं मिलती है. वहीं, जब संसद सत्र नहीं चल रहा होता है तो कानून कराने वाली संस्थाएं जैसे पुलिस, CBI आदि केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार कर सकती है. संसद की नि यम के मुताबिक पुलिस, जज या मजिस्ट्रेट को मंत्री की गिरफ्तारी का आदेश देने से पहले राज्यसभा के सभापति यानी उपराष्ट्रपति को इसकी जानकारी देनी होती है.

उपराष्ट्रपति ऐसे मामले में क्या करते हैं?
जब भी राज्यसभा के सभापति यानी उपराष्ट्रपति को ऐसे मामलों की जानकारी जज या मजिस्ट्रेट से मिलती है तो उसमें यह बताना भी जरूरी रहता है कि इस गिरफ्तारी का कारण क्या है. इसके साथ ही उस मंत्री को गिरफ्तार करने के बाद कहां रखा जाएगा. यह जानकारी सभापति को सदन में देनी होती है. लेकिन, अगर संसद का सत्र ना चल रहा हो तो यह जानकारी जज या मजिस्ट्रेट बुलेटिन के जरिए भी दे सकते हैं.

सांसदों को क्या छूट मिलती है?
सांसदों को मिले अधिकारों के तहत सांसदों को दीवानी मामलों में संसद सत्र के दौरान और उसके शुरू होने के 40 दिन पहले और खत्म होने के बाद तक गिरफ्तार नहीं किया गया है. लेकिन, अगर सांसद पर आपराधिक मामलों या सुरक्षा के लिए केस दर्ज है तो उसे यह छूट नहीं दी जाएगी.

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