छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ी में बोले CM भूपेश बघेल- ‘कका अभी जिंदा है’

रायपुर। भूपेश बघेल फिल्मी अंदाज में दिखे. मंच से सीएम बघेल ने छत्तीसगढ़ी में कहा, ‘कका अभी जिंदा है’. बस फिर क्या था. कार्यक्रम में दर्शकों की भीड़ में से जिंदाबाद के नारे लगने लगे. दरअसल, राजधानी के पंडित दीनदयाल ऑडिटोरियम में फार्मासिस्ट कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहुंचे थे. उनके साथ सूबे के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी मौजूद थे. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कोरोना काल में मानवता की सेवा के लिए सैल्यूट करता हूं. छत्तीसगढ़ में कोरोना से लड़ने के लिए एकजुटता आपने दिखाई. ऐसा कोई वर्ग नहीं जिसने अपने सहभागिता नहीं जताया’.

सीएम भूपेश बघेल ने कहा,’ पहली लहर से हमने जंग जीत ली, लेकिन दूसरी लहर में महाराष्ट्र के बाद छत्तीसगढ़ दूसरे नंबर पर रहा. सभी की कोशिशों की बदौलत छत्तीसगढ़ में जितनी तेजी से कोरोना फैला उतनी ही तेजी से कम हुआ. टीएस सिंहदेव की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, ‘महाराज’ को स्वास्थ्य मंत्री होने की वजह से पता रहा होगा, लेकिन हमें नही पता था कि शरीर में कितना ऑक्सीजन होना चाहिए.

दूसरी लहर में पता चला कि ऑक्सीजन की भी जरूरत है. फिर रेमडेसिविर की जरूरत. छत्तीसगढ़ में रेमडेसिविर की कमी नहीं पड़ी.’ मुख्यमंत्री ने कहा,’ आज हेल्थ का बजट ही सबसे महंगा हो गया है. महंगी दवाइयां पहुंच को बाहर हो गई है. ऐसे समय में जेनरिक दवाइयां आर्थिक व्यवस्था को बचा सकता है.’

मंत्री टीएस सिंहदेव ने दिया बड़ा बयान

कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी मौजूद थे. टीएस सिंहदेव मंच से कहा, छत्तीसगढ़िया सबसे बढ़िया, हमन बनाबो सबसे बढ़िया.’ उन्होंने कहा कि समय के साथ औषधियों और दवाओं की उपलब्धता प्रदेश में बड़ी है. शासन का भी प्रयास रहा कि जानकारों के जरिए ही दवाइयां लोगों तक पहुंचे. फार्मासिस्टों के जरिए ही दवाइयां नागरिकों तक पहुंच रही है. मुख्यमंत्री के सामने बहुत सी मांगे आती है. उन्होंने यथासंभव मांगों को पूरा किया है. अपनी जिम्मेदारी को निभाया है.’

मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि छत्तीसगढ़ का नाम पूरे देश और दुनिया में है. दूसरे राज्यों की नजर छत्तीसगढ़ पर है. मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन और प्रोत्साहन पर ये हो रहा है. आज छत्तीसगढ़ का नाम मार्ग प्रशस्त करने वाले राज्य की तरह हो गया है. देशभर में चर्चा होती है कि छत्तीसगढ़ में जो हो रहा है, वही काम किया जाना चाहिए. कोरोना संकट में दवाई विक्रेताओं ने तमाम खतरों के बीच काम किया.

Related Articles

Back to top button