जम्मू-कश्मीर: ‘लापता’ जेसीओ व जवान हुए शहीद, सेना ने की पुष्टि

जम्मू। जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के मेंधार के नर खास वन क्षेत्र में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान करीब दो दिनों से लापता एक जूनियर कमीशन अधिकारी (जेसीओ) और एक जवान शहीद हो गये। सेना ने दोनों जवानों के पार्थिव शरीर होने की शनिवार को पुष्टि की। जम्मू स्थित रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय सेना के जेसीओ (सूबेदार) अजय सिंह और नायक हरेंद्र सिंह पुंछ जिले के मेंढर के नर खास जंगल के घने जंगलों वाले इलाके में जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ सेना द्वारा चलाए जा रहे तलाशी अभियान के दौरान शहीद हो गए। प्रवक्ता ने कहा, “सूबेदार अजय सिंह और नायक हरेंद्र सिंह सुरक्षा बलों द्वारा जंगल में छिपे आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए शुरू किए गए तलाशी अभियान का हिस्सा थे।”

उन्होंने कहा कि 14 अक्टूबर को आतंकियों से भीषण मुठभेड़ के बाद सूबेदार अजय सिंह और नायक हरेंद्र सिंह से संपर्क टूट गया था।
उन्होंने कहा,“आतंकवादियों को बेअसर करने और सैनिकों के साथ संचार फिर से स्थापित करने के लिए अथक अभियान जारी है।”
प्रवक्ता ने कहा कि सूबेदार अजय सिंह और नायक हरेंद्र सिंह भीषण लड़ाई की कार्रवाई में शहीद मारे गए और उनके शव आज शाम बरामद किए गए। उन्होंने कहा कि इलाके में अभियान जारी है।नियंत्रण रेखा पर मुठभेड़ उस समय शुरू हुई जब मेंढर अनुमंडल में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के एक समूह ने एक तलाशी दल पर गोलियां चलाईं।

सेना के प्रवक्ता ने बताया कि नर खास जंगल के इलाके में आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू हो गया है। सुरनकोट ऑपरेशन के बाद 11 अक्टूबर को तलाश अभियान शुरू किया गया था। नर खास वन के भाटाधरियां में संयुक्त गश्ती दल पर फायरिंग करने वाले तीन से चार आतंकी थे। इससे पहले पुंछ जिले के सुरनकोट इलाके में मुठभेड़ में एक जेसीओ और चार जवान शहीद हो गए थे और शुक्रवार को सेना ने आतंकवाद रोधी अभियान में दो राइफलमैन के मारे जाने की पुष्टि की। नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास जंगल में छिपे हथियारबंद आतंकियों को बाहर निकालने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर गजनवी फोर्स ने 11 अक्टूबर के हमले की जिम्मेदारी ली थी।
इस पूरे अभियान में कुल नौ लोग मारे जा चुके हैं।

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