28 दिन में 84 डॉक्टरों ने खाया 50 लाख रुपए का खाना, शासन ने भुगतान से किया मना

उत्तर प्रदेश में जो हो जाए वो कम है। महामारी के दौरान भी यहां एक-से-एक कारनामे देखने में आ रहे हैं। संकट काल में एक बड़ा और चकित कर देने वाला मामला सामने आया है। प्रदेश के अलीगढ़ जनपद में क्वारंटाइन अवधि के दौरान 28 दिन में 84 डाक्टरों ने 50 लाख रुपए का खाना खा लिया। औकात से कई गुना भोजन के इस अजीब से मामले में फिलहाल जांच शुरू हो गई है। साथ ही प्रदेश के शासन ने ‘बड़के भोजन’ के बिलों का भुगतान करने से भी मना कर दिया है। शासन की नजर में इस मामले के आने के बाद सम्बंधित विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ रजनीश दुबे ने इस मामले से सम्बंधित शासनादेश का हवाला देते इस ‘बड़के खाने’ के बिल का भुगतान करने से मना कर दिया है।

जानकारी के अनुसार प्रदेश के अलीगढ़ जनपद के एक होटल में क्वारंटाइन के दौरान रहने वाले 84 डॉक्टरों के द्वारा 50 लाख का खाना खाने का मामला सामने आया हैं। पचास लाख रुपये का यह ‘बड़का खाना’ इन डाक्टरों ने तो हजम कर लिया, परन्तु अब प्रदेश का शासन इसे हजम नहीं कर पा रहा है। शासन अचम्भे में है कि मात्र 28 दिनों में  पचास लाख रुपये का भारी-भरकम बिल कैसे आ सकता है।

नियमों के अनुसार डाक्टरों के लिए एक वक्त की डाइट 50 रुपये
दरअसल,अलीगढ़ जनपद में में स्वास्थ्य विभाग की मंडलीय समीक्षा के दौरान क्वारंटाइन में 84 डॉक्टरों द्वारा 28 दिनों में 50 लाख रुपये का खाना खाए जाने का यह मामला सामने आया। इसके बाद जब विभागीय अधिकारियों ने इस बिल को सामने रखा तो बैठक में मौजूद अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा शिक्षा डॉ रजनीश दुबे सकते में आ गए। चूंकि बिल की राशि काफी ज्यादा और समझ से परे थी, लिहाजा उन्होंने डॉक्टरों द्वारा बड़के’ खाने’ के इस भारी भरकम बिल के भुगतान से मना कर दिया और कहा कि भविष्य में 50 रुपए पर डाइट के आधार पर ही भुगतान किया जाए। नियमों के अनुसार डाक्टरों के लिए एक वक्त की डाइट 50 रुपये है।

न इनका जमीर इन्हे धिक्कारता है न ही इनकी आत्मा
अलीगढ़ जनपद के इस मामले की कहानी कुछ और नहीं वही है, जो वर्षों से ऐसे ही कई मामलों में कही जाती रही है। अनाप-शनाप बिलों के नाम पर जनता की गाढ़ी कमाई की लूट करने वाले अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहे है। महामारी के इस संकट में भी वे कमाई करने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ रहे हैं, इसके लिए न उनका जमीर उन्हें धिक्कारता है न ही उनकी आत्मा।  इस मामले का सच भी कुछ ऐसा ही है, कोरोना का कहर शुरू होने पर जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में लखनऊ एवं अन्य स्थानों से डॉक्टरों को बुलाया गया था। इन डॉक्टरों को होटलों में क्वारंटाइन किया गया था। पहले बैच के 42 डॉक्टरों और फिर अगले बैच के 42 डॉक्टरों को शहर के होटलों में ठहराया गया था। इन डॉक्टरों ने होटलों में न जाने ऐसा क्या खाया कि मात्र 28 दिनों में खानपान पर 50 लाख रुपये चट कर गए।

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