नाजुक मोड़ पर खड़ी दुनिया : डब्ल्यूएचओ

नई दिल्ली। दुनिया के सभी देश फिलहाल कोविड-19 के बेहद खतरनाक वेरिएंट ओमिक्रॉन के मामलों में इजाफे से जूझ रहे हैं। इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम गेब्रेयेसस ने सोमवार को कहा कि वर्तमान में विश्व स्तर पर ऐसे हालात बन गए हैं, जिनसे और अधिक वेरिएंट्स को उभरने में मदद मिलेगी। कहने का मतलब है कि अभी की स्थिति कोविड-19 के अन्य स्ट्रेन के पनपने के अनुकूल है। यह कहते हुए कि ओमिक्रॉन के मामलों में वृद्धि के बाद से दुनिया भर में आठ करोड़ से अधिक केस सामने आए हैं, जो कि साल 2020 में आए कुल मामले से अधिक हैं, डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि यह मौजूदा दौर में चल रही महामारी में उभरने वाला अंतिम कोविड-19 वेरिएंट नहीं होगा। हालांकि, गेब्रेयेसस ने भरोसा दिया कि कोविड-19 वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी और ‘महामारी के तीव्र चरणÓ को इस साल ही समाप्त किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए सभी देशों को व्यापक रूप से रणनीतियों और उपकरणों का इस्तेमाल करना होगा। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि कोविड-19 महामारी अब अपने तीसरे साल में प्रवेश कर रही है और हम एक नाजुक मोड़ पर हैं। हमें इस महामारी के तीव्र चरण को समाप्त करने के लिए एक साथ काम करना चाहिए। हम घबराहट और उपेक्षा के बीच, इसे आगे बढऩे नहीं दे सकते। उन्होंने कहा कि देशों को वृद्ध, वयस्क, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और कमजोर व्यक्ति जैसे उच्च प्राथमिकता वाले समूहों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपनी कम से कम 70 फीसदी आबादी का टीकाकरण करने का लक्ष्य रखना चाहिए। गेब्रेयेसस ने आगे कहा कि देशों को कोविड-19 टेस्टिंग को बढ़ावा देने, भविष्य में और अधिक वेरिएंट्स की तलाश करने और महामारी से संबंधित समस्याओं का समाधान खोजने की जरूरत है, न कि संकट के खत्म होने का इंतजार करने की।

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