सचिन पायलट की ‘घर वापसी’ के बाद खत्म नहीं हुई खटास बाद

 कांग्रेस आलाकमान के दखल के बाद राजस्थान का सियासी घमासान तो सुलझ गया लेकिन कांग्रेस के विधायकों की नाराजगी अभी बरकरार है. मंगलवार को जैसलमेर में गहलोत समर्थक विधायकों की मीटिंग में इसका नजारा देखने को मिला. ऐसे में आज का दिन कांग्रेस के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. पायलट और गहलोत खेमे के विधायक आज विधायक दल (CLP) की बैठक में आमने सामने होंगे.ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बैठक में हंगामा होता है या फिर गिले शिकवे मिटाकर गहलोत और पायलट एक दूसरे को गले लगाते हैं. वहीं इससे पहले कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मंगलवार को कहा था कि उन्होंने पार्टी से किसी पद की मांग नहीं की है लेकिन वह चाहते हैं कि उनके साथ आवाज उठाने वाले विधायकों के खिलाफ कोई द्वेषपूर्ण कार्रवाई नहीं हो. अपने बगावती व्यवहार से राज्य की राजनीति में घमासान मचाने के बीच लगभग एक महीने बाद जयपुर लौटे पायलट ने उम्मीद जताई कि पार्टी आलाकमान द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति जल्द ही अपना काम शुरू करेगी.

जैसेलमेर की बैठक में पायलट की वापसी और विधायकों की नाराजगी पर मुख्यमंत्री गहलोत ने सबसे कहा कि आलाकमान का आदेश सर माथे पर होता है, इसके साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि जिस भी विधायक ने इस संकट में पार्टी के प्रति निष्ठा रखी है उस विधायक के किसी भी हित के साथ समझौता नहीं होगा. वे इस बात का ध्यान रखेंगे कि उनके हक प्रभावित नहीं हो. 

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