प्रयागराज के एसआरएन अस्‍पताल में एमआरआइ कराना मरीजों के लिए आसान नहीं

प्रयागराज। स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय प्रयागराज मंडल का सबसे बड़ा और सुविधाजनक अस्‍पताल है। यहां आसपास के जिलों के भी मरीज इस आस में आते हैं कि इलाज और जांच में उन्‍हें सुविधा मिलेगी। हालांकि यहां समस्‍याएं भी मरीजों को परेशान करने वाली हैं। इस अस्‍पताल में एमआरआइ बीते कई दिनों से नहीं हो रही है। इससे दूर-दूर से आने वाले मरीजों और उनके तीमारदार परेशान हो रहे हैं। इस भीषण गर्मी में तो दिक्‍कतें और भी उठानी पड़ रही है। एसआरएन अस्पताल में एमआरआइ सबसे बड़ी अव्यवस्था बनकर उभर रही है। मंगलवार को इसका कक्ष बंद होने और कोई सूचना भी चस्पा न होने के कारण सभी जरूरतमंदों को निराशा हुई। उनमें आक्रोश भी रहा कि यह तो सरासर धोखेबाजी है।

एमआरआइ करने के लिए आज यानी 19 अप्रैल की तारीख देकर कर्मचारी नदारद हैं।एमआरआइ के लिए 75 वर्षीय वृद्ध शुकुलपुर मेजा निवासी रामकृष्ण पांडेय को स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय के कर्मचारियों ने 19 अप्रैल को तारीख निर्धारित की थी। यह तारीख उन्हें 26 नवंबर 2021 को दी गई थी। 19 नवंबर को रामकृष्ण, अपने ही पड़ोस में रहने वाले धर्मेंद्र कुमार तिवारी के साथ प्राइवेट गाड़ी से आए, सुबह साढ़े आठ बजे पहुंच गए थे लेकिन दोपहर 12 बजे तक केंद्र में ताला लटका रहा। कौशांबी निवासी रामचंद्र की एमआरआइ 11 अप्रैल को हुई थी, रिपोर्ट के लिए उन्हें तीन बाद बुलाया जा चुका। 19 अप्रैल को भी आए लेकिन एमआरआइ कक्ष में ताला लगा मिला। प्रयागराज-मीरजापुर बार्डर पर स्थित जिगना मांडा से आए संजय तिवारी को उनके पर्चे पर 10 मार्च को लिखकर दिया गया था कि 15 अप्रैल को एमआरआइ हाेगी। 15 अप्रैल को आए थे तो कक्ष बंद मिला था। 19 अप्रैल को फिर सैकड़ों रुपये खर्च करके आए तो कक्ष में ताला लगा मिला।स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में अल्ट्रासाउंड के जरूरतमंद लोगों की भावना से भी खिलवाड़ किया जा रहा है। कौशांबी से आए रामकृष्ण के पर्चे पर अल्ट्रासाउंड के लिए डाक्टर ने लिखा लेकिन तारीख मिली है 21 मई 2022। यानी उनका अल्ट्रासाउंड एसआरएन में एक माह बाद होगा।स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में रोगियों और उनके तीमारदारों से ऐसा रूखा व्यवहार तकलीफदेह है। दो पैसे बचाने के लिए लोग सरकारी अस्पताल में आ रहे हैं और सरकारी व्यवस्था को प्राथमिकता दे रहे हैं लेकिन सरकारी व्यवस्था ही उन्हें तगड़ी चोट पहुंचा रही है।

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