जिग्नेश की जमानत याचिका पर असम कोर्ट में सुनवाई आज

बारपेटा (असम) : असम के बारपेटा जिले की एक स्थानीय अदालत गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी की जमानत याचिका पर आज यानी शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगी. निर्दलीय विधायक मेवाणी मारपीट के एक मामले में पांच दिन की पुलिस हिरासत में हैं. जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद गुरुवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. जिग्नेश मेवाणी के वकील अंगसुमन बोरा ने एएनआई को बताया कि सत्र न्यायाधीश बारपेटा ने जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया और अदालत शुक्रवार को अपना आदेश सुनाएगी.

असम के बारपेटा जिले की एक स्थानीय अदालत ने मंगलवार को मारपीट के एक मामले में मेवाणी को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था. इससे पहले सोमवार को बारपेटा पुलिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में उनके ट्वीट से जुड़े मामले में जमानत मिलने के तुरंत बाद एक पुलिसकर्मी के साथ मारपीट करने के आरोप में मेवाणी को फिर से गिरफ्तार कर लिया था. मेवाणी को असम पुलिस की एक टीम ने अप्रैल 20 को गुजरात के पालनपुर शहर से उनके कुछ ट्वीट्स को लेकर गिरफ्तार किया था. असम के भाजपा नेता अरूप कुमार डे द्वारा शिकायत दर्ज किए जाने के बाद उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.

मेवाणी के खिलाफ धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), धारा 153 (ए) (दो समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295 (ए), और 504 (शांति भंग को भड़काने के इरादे से जानबूझकर अपमान), आईटी अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. मेवाणी के ट्विटर हैंडल पर कुछ ट्वीट्स उनके फीड पर दिखाई नहीं दे रहे हैं, जिसमें एक संदेश दिखाया गया है कि “कानूनी मांग” के आधार पर ट्वीट्स को भारत में रोक दिया गया है. मेवाणी ने दावा किया कि उन्हें उनके खिलाफ एक राजनीतिक प्रतिशोध से गिरफ्तार किया गया था. असम राज्य कांग्रेस इकाई ने गुजरात विधायक की गिरफ्तारी का विरोध किया था. एक स्वतंत्र विधायक के रूप में चुने गए, मेवाणी ने सितंबर 2019 में कांग्रेस को अपना समर्थन दिया था.

Related Articles

Back to top button