रायबरेली : एनटीपीसी से निकलने वाले नाले फैला रहे प्रदूषण

मुख्य महाप्रबंधक को नगर अधिकारी ने लिखा पत्र 

ऊँचाहार ( रायबरेली ) केंद्र व राज्य सरकार के दो स्वायत्तशासी  संस्थान  पर्यावरण प्रदूषण को लेकर आमने सामने आ गए है । ऊँचाहार नगर निकाय ने एनटीपीसी से निकलने वाले नालों से प्रदूषण फैलने और प्रदूषण निवारण व नियंत्रण अधिनियम के उल्लंघन का आरोप लगाया है । जबकि एनटीपीसी अपने यहां से निकलने वाले अपशिष्ट को प्रदूषण रहित बताया है ।       

मामला एनटीपीसी से निकलकर बड़े गंदा नाला में गिरने वाले दूषित जल का है । इस मसले को लेकर नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी निखिलेश मिश्र ने एनटीपीसी के मुख्य महाप्रबंधक को एक पत्र लिखा है । पत्र में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमो का हवाला देकर एनटीपीसी पर गंभीर आरोप लगाया गया है । पत्र में लिखा गया है कि एनटीपीसी से करीब दो दर्जन नाला निकलकर ऊँचाहार के बड़े नाले में गिरते है । इन नालो के पानी मे अवशिष्ट होता है । यह नाला आगे बढ़कर  गंगा नदी में गिरता है । यही नही ऊँचाहार नगर की एक तिहाई  इसी नाले के आसपास निवास करती है । नाले के प्रदूषण का असर नगर वासियों पर पड़ता है ।

नगर के अधिकारी ने लिखा है कि एनटीपीसी के नाले प्रदूषण नियंत्रण व निवारण अधिनियम 1974 और गंगा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देशों का उल्लंघन किया जा रहा है । जबकि स्थापित नियमों के अनुसार नालियों में स्क्रीन जाली  लगा होना चाहिए और बायोरिमोडीएसन किया जाना चाहिए । ऐसा न करके एनटीपीसी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम 2016  का भी उल्लघन किया जा रहा है । जिससे गंगा नदी को भी प्रदूषित किया जा रहा है । उधर इस मामले में एनटीपीसी प्रबंधन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी प्रपत्रों का हवाला देती है । एनटीपीसी प्रबंधन का कहना है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समय समय पर निरीक्षण व परीक्षण करके प्रमाण पत्र जारी करती है । जिससे स्पष्ट है कि एनटीपीसी से निकलने वाला अनुपयुक्त पानी मे किसी भी प्रकार का प्रदूषण नही है ।

एनटीपीसी के जनसंपर्क अधिकारी विजय कुमार का कहना है कि एनटीपीसी स्थापित नियमो के अनुरूप कार्य करती है । हम भारत सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए राष्ट्र व समाज के हित मे लगातार कार्य कर रहे है ।

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