राष्ट्रपति चुनाव: ममता बनर्जी बोलीं- द्रौपदी मुर्मू की जीत के ज्यादा चांस

महाराष्ट्र में सियासी उलटफेर के बाद देश का नया राष्ट्रपति चुनने की जंग अब एकतरफा होती नजर आ रही है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की एकतरफा जीत की संभावनाएं मजबूत होती दिख रही हैं. बदले समीकरणों के बीच अब विपक्षी खेमा भी इसे स्वीकार करता नजर आ रहा है. राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के खिलाफ विपक्ष का साझा उम्मीदवार उतारने के लिए बैठक पर बैठक करने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने भी अब ये स्वीकार कर लिया है.

दरअसल, ममता बनर्जी ने कहा है कि विपक्षी दल भी राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी का समर्थन कर सकते थे अगर बीजेपी ने उन्हें मैदान में उतारने के पहले उनसे चर्चा की गई होती. उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू की जीत की अधिक संभावनाएं है. महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद एनडीए का संख्याबल बढ़ा है.

ममता बनर्जी ने जोर देकर कहा कि आम सहमति वाला उम्मीदवार देश के लिए हमेशा बेहतर होता है. अगर बीजेपी ने उनके नाम के ऐलान से पहले हमसे भी बात की होती तो हम निश्चित रूप से व्यापक हितों का ध्यान रखते हुए इस पर विचार करते. उन्होंने ये भी साफ किया कि टीएमसी विपक्षी दलों के निर्णय के मुताबिक ही चलेगी. ममता बनर्जी ने कहा कि हमारे मन में सभी धर्म, जाति और पंथ के लिए बराबर सम्मान है. हम चाहते हैं कि राष्ट्रपति चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो. हमें महिला उम्मीदवार को उतारने की कोशिश करनी चाहिए थी. मैं अकेले फैसला नहीं कर सकती थी.

ममता बनर्जी ने ये भी कहा कि राष्ट्रपति चुनने के लिए मतदान हो रहा है, मुझे इसका दुख है. दलित और सभी जनजातियां हमारे साथ हैं. हम लोगों में बंटवारा नहीं करते. वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी पर इस बयान को लेकर हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाया कि ममता ने ये बयान पीएम मोदी के इशारे पर दिया है. अधीर रंजन ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी के साथ गुप्त समझौता किया है जो फिर से उजागर हो गया है.

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