यूपी : कोरोना के चलते छह महीने टल सकते हैं पंचायत चुनाव

कोरोना संक्रमण के चलते उत्तर प्रदेश में साल के अंत तक होने वाले पंचायत चुनाव अगले छह महीनों के लिये टाले जाने की संभावना है।
प्रदेश में पंचायतों का कार्यकाल 25 दिसंबर को पूरा हो रहा है लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते साल के अंत तक चुनाव करा पाना निर्वाचन आयोग के लिये कठिन हो रहा है। चुनाव आयोग ने एक सितंबर से मतदाता सूची पुनरीक्षण के काम संबंधी आदेश जारी किया था लेकिन शुक्रवार को उसे वापस ले लिया गया। इस बारे में आयोग की तरफ से कहा गया कि यह पत्र त्रुटिवश जारी हो गया है।

आधिकारिक तौर पर फिलहाल इस बारे में खुलकर बोलने के लिये कोई तैयार नहीं है हालांकि पंचायती राज विभाग के सूत्रों ने बताया कि उन्होने चुनाव की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं की है। प्रक्रिया शुरू होने के बाद कम से कम छह महीनों का समय लगता है जिसमें मतदाता सूची का पुनरीक्षण,आरक्षित सीटों और निर्वाचन क्षेत्र के परिसीमन बगैरह कई तथ्यों पर तैयारी करनी पड़ती है।

सूत्रों ने बताया कि 25 दिसम्बर को ग्राम प्रधान और जिला पंचायत अध्यक्षाें का कार्यकाल समाप्त हो रहा ह जिसके बाद स्थानीय अधिकारी प्रशासनिक नेतृत्व अपने हाथ में ले लेंगे और पंचायती राज संस्थाओं का संचालन करेंगे।
उधर, विपक्ष ने पंचायत चुनाव के टलने की संभावना पर सवाल खड़े करते हुये कहा कि जब बिहार में विधानसभा चुनाव नवम्बर में हो सकते है तो यहां दिसम्बर में पंचायत चुनाव कराने में क्या परेशानी है।

समाजवादी पार्टी (सपा) के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कोरोना के मामले में उत्तर प्रदेश के हालात बिहार से कहीं बेहतर है और पंचायत चुनाव को कार्यक्षेत्र ग्र्रामीण इलाकों में होता है जहां वैसे भी संक्रमण का प्रभाव काफी कम है। अगर पंचायत चुनाव छह महीने टाले जा सकते है तो 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिये सरकार को और परेशानी हो सकती है।
यूपी में देश के अन्य राज्यो के मुकाबले सबसे अधिक 52 हजार ग्राम पंचायते है। इसके अलावा 61 हजार ब्लाक सदस्य,821 ब्लाक प्रमुख,तीन हजार जिला पंचायत सदस्य और 75 जिला पंचायत अध्यक्ष है। करीब साढ़े आठ लाख पदों के लिये होने वाले चुनाव में साढ़े दस कराेड़ मतदाता चुनाव में हिस्सा लेंगे। दिसम्बर के आखिरी हफ्ते में पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो जायेगा। अगर चुनाव टलते है तो सरकार पंचायतों को चलाने के लिये प्रशासकाें की नियुक्ति करेगी।

वर्ष 2015 में समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल में पंचायत चुनाव दो महीने के लिये टाले गये थे लेकिन इस बार सरकार ने संकेत दिये है कि चुनाव छह माह तक टल सकते है।

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