सुल्तानपुर :विधायक व डीएम आमने-सामने, डीएम पर भ्रष्टाचार का आरोप

सुल्तानपुर जिले के लंभुआ विधायक देवमणि द्विवेदी ने शासन के माध्यम से सुलतानपुर जिलाधिकारी पर कोविड-19 के बचाव के लिए खरीदे गए सामग्रियों (सर्वेक्षण किट) में जबरन वसूली और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। शासन की इस चिट्ठी के वायरल होने से जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है, जिलाधिकारी ने इसका खंडन कर सभी आरोपों को गलत और निराधार बताया है।


सुलतानपुर जिलाधिकारी सी इंदुमती ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में बताया कि जिले में निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर का क्रय जनपद में नहीं किया गया है। शासनादेश में निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर आपूर्ति करने वाली 682 ग्राम पंचायतों का भुगतान भी रोक दिया गया है। शासनादेश में विहित निर्देशों का अक्षरशःपालन किया है। किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। हमारी मंशा बहुत साफ है और हम सभी बहुत ही इमानदारी से काम कर रहे हैं। विधायक जी द्वारा लगाए गए आरोप दुर्भाग्यपूर्ण हैं। इस संदर्भ में उनके द्वारा जनपद स्तर पर जानकारी प्राप्त की जाती तो इस प्रकार की भ्रम की स्थिति न उत्पन्न हुई होती।


श्रीमती इंदुमती ने बताया कि विधायक देवमणि द्विवेदी द्वारा पल्स ऑक्सीमीटर एवं आई आर थर्मामीटर की आपूर्ति ग्राम पंचायतों में शासनादेश के विपरीत किए जाने की शिकायत की गयी हैं। इस मामले में एकदम स्पष्ट है कि लंभुआ विधायक ने जो आरोप लगाए हैं, वह निराधार एवं अपुष्ट तथ्यों एवं जानकारी के अभाव पूर्ण है। उन्होंने बताया कि वास्तविकता यह है कि कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के लिए शासन स्तर द्वारा दिए गए निर्देश के क्रम में प्रत्येक नगर पंचायत एवं ग्राम पंचायतों में सर्विलांस टीम गठित करते हुए डोर टू डोर सर्वेक्षण करने के लिए प्रत्येक सर्विसलांस टीम को ऑक्सीमीटर एवं आईआर थर्मामीटर दिए जाने की अपेक्षा की गई थी। उस समय कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम की तत्कालिता के दृष्टिगत ग्राम पंचायतों एवं नगर पंचायतों द्वारा विकेंद्रीकृत रूप से शासन के निर्देशानुसार पल्स ऑक्सीमीटर और आईआर थर्मामीटर अधिकृत फर्म द्वारा विभिन्न मूल्य पर नियमानुसार क्रय किए गए। उस समय शासन स्तर से इस सामग्री का मूल्य निर्धारित नहीं था।

ग्राम विकास एवं ग्राम पंचायती राज विभाग उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ के शासनादेश में पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर का अधिकतम मूल्य 2800 रुपए निर्धारित किया गया। जब यह जानकारी उन्हे हई तो तत्काल आपूर्ति फर्म का भुगतान रोकते हुए ग्राम पंचायतों एवं नगर पंचायतों में शासनादेश के पूर्व में किए गए पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर की जांच क्रमशः जिला पंचायत राज अधिकारी व अपर जिला अधिकारी को दी गई। प्रारंभिक जांच में संज्ञान में आया कि 986 ग्राम पंचायतों में से 304 ग्राम पंचायतों का भुगतान शासनादेश निर्गत होने के पूर्व में ही कर दिया गया। शेष 682 ग्राम पंचायतों का भुगतान नहीं हुआ था। निर्धारित मूल्य से अधिक पर किए जाने के कारण से 682 ग्राम पंचायतों के भुगतान पर तत्काल रोक लगाते हुए आपूर्ति फर्म के विरुद्ध जांच के आदेश दे दिए गए हैं।


ज्ञात हो कि लंभुआ विधायक देवमणि द्विवेदी ने मुख्यमंत्री के यहां शिकायत कर आरोप लगाया है कि जिलाधिकारी सुलतानपुर द्वारा कोविड-19 में पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर की गई खरीदारी में ग्राम पंचायतों में शासनादेश के विपरीत 2800 के स्थान पर ₹9950 की जिलाधिकारी द्वारा जबरन वसूली कराई जा रही है एवं जिले के अधिकांश ग्राम पंचायतों में जबरन किट आपूर्ति करने वाली फर्म को डोगल लगवा कर भुगतान भी करा दिया गया है। इस प्रकरण पर प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद ने जांच कराकर शीघ्र आख्या मांगी है। यह पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो गया है, जिसको संज्ञान में लेकर जिलाधिकारी ने अपना स्पष्टीकरण जारी किया।

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