युवा आ रहे नशे की गिरफ्त में दवा की आड़ में नशे के कारोबार की आशंका

रवि पाण्डेय
सुल्तानपुर। कोरोनाकाल में क्षेत्र में नशीली दवाओं का धंधा इस समय जोरों पर है। कोरोना महामारी के चलते दूसरे राज्य से आए बेरोजगार हुए युवा मानसिक तनाव में आकर नशे की लत में आ रहे हैं इसके अलावा कुछ युवा शौक में नशीली दवाओं का सेवन कर नशे की लत में आ रहे हैं जो युवा पीढ़ी के लिए बेहद चिंताजनक स्थिति है। नशे की गिरफ्त में आकर युवा पीढी गुमराह हो रही है। कई युवा ऐसेरास्ते पर चल पड़े हैं, जिसका अगला पड़ाव सिर्फ अंधकार है। शहर एवं ग्रामीण इलाकों की बाजारों में नशीली दवाइयों का कारोबार तेजी से पांव पसार रहा है। झुग्गी झोंपड़ियों से लेकर बंगलों तक नशे का नेटवर्क फैला हुआ है।

एक बार नशा करने की कीमत 10 रुपए से लेकर पांच हजार रुपए तक का है। अधिकतर युवा इसे फैशन एवं रईसों का शौक मानकर फंस रहे हैं। कारोबारी फायदे के लिए कुछ व्यापारी इस काले कारोबार में लगे हुए हैं। सहयोगी की भूमिका ग्रामीण क्षेत्रों की बाजारों में स्थित मेडिकल स्टोर भी है जिन पर तरह-तरह की सस्ती और सेहत पर अति नुकसान पहुंचाने वाली नशीली दवाइयां नशीले इंजेक्शन उपलब्ध रहते हैं। नशा करने वाले युवा पैसे के अभाव में स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव डालने वाली इन दवाओं तथा नशीले इंजेक्शन का सेवन कर रहे हैं और अपने सेहत को खराब करने के साथ साथ कुसंग में पड़कर खुद के साथ-साथ अपने परिवार को भी मुसीबत में डाल रहे हैं और और कुमार्गी बनने की राह पकड़ रहे है।

बाजारों में यह कारोबार तेजी के साथ प्रसृत हो रहा है! सूत्र बताते हैं कि नशा करने वाले युवक कम पैसे में तीव्र नशा की इच्छा रखते हैं कोरोना संकट आने के बाद आर्थिक संकट से परेशान ,नशा करने वाले युवकों के लिए नशीली दवा और इंजेक्शन सस्ते में नशा करने का साधन बन गया है। सूत्रों की मानें तो नशा करने वाले युवक एकांत जगह देखकर जंगल झाड़ी बाग बगीचों में गन्ने के खेत में अपने हाथों से खुद को इंजेक्शन लगा लेते हैं। धीरे-धीरे इसका असर व्यापक होता जा रहा है युवाओं में बढती इस लत पर ड्रग विभाग द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो इस नशे के कारोबार के व्यापक दुष्परिणाम सामने आ सकते हैं इस नशे के कारोबार से युवाओं का जीवन तो नर्क ही हो रहा है अपराध भी तेजी से बढ़ रहा है। अब देखने वाला विषय यह है कि जिम्मेदार स्वास्थ्य महकमा और पुलिस विभाग इस नशे के गोरखधंधे के खिलाफ कब कड़ाई के साथ कार्रवाई को अमल में लायेगा।

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