अस्पताल में मानवता हुई तार-तार,मासूम की लाश ले जाने के लिए नहीं मिला शव वाहन

स्वास्थ्य मंत्री के प्रभार वाले जिले के स्वास्थ्य सेवाओं का हाल
सुलतानपुर। अस्पताल में मानवता हुई तार-तार, मासूम की लाश ले जाने के लिए नहीं मिला शव वाहन उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के प्रभार वाले जिले सुलतानपुर के जिला अस्पताल से मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीरें सामने आई है। धरती पर भगवान का रूप बनकर बैठे डाक्टरों से मां-बाप अपने मासूम बच्चे की लाश घर तक ले जाने के लिए शव वाहन मुहैया कराने की मिन्नतें करते रहे। लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। अंत में गरीबी की मार झेल रहे माता-पिता बैट्री रिक्शा करके शव को लेकर गांव गए।

बुखार से ग्रस्त बच्चे को लेकर पहुंचे थे परिजन दरअसल कलेजे को टुकड़े-टुकड़े करने वाला ये मामला सुल्तानपुर जिला अस्पताल का है। सोमवार की रात यहां कुड़वार थाना क्षेत्र के रामनगर गांव के पति-पत्नी बुखार से तप रहे अपने मासूम बच्चे को 108 एंबुलेंस से लेकर इलाज कराने पहुंचे थे। साथ आए पड़ोसी सुनील कुमार ने बताया कि डॉक्टर ने बच्चे को देखते ही मृत घोषित कर दिया। मां-बाप की तो दुनिया उजड़ गई वो विलाप करने लगे।

प्राइवेट एम्बुलेंस की डिमांड के आगे लाचार मां-बाप पड़ोसी सुनील ने एंबुलेंस चालक से शव ले जाने के लिए कहा। आरोप है कि एंबुलेंस चालक ने कहा हम जिंदा को लेकर जाते हैं मुर्दा को नहीं। गरीब मां-बाप ने प्राइवेट एम्बुलेंस से कलेजे के टुकड़े का शव ले जाने की हिम्मत जुटाई तो उसने पैसों की डिमांड इतनी कर दी के वो उसे पूरा करने में लाचार नजर आए। पुत्र वियोग में डूबे बेबस माता-पिता से जब बात करने की कोशिश की गई तो उनका गला भर आया। रूंधे गले से वह कुछ बोल न सके।

सीएमओ ने जानकारी नहीं होने की दी दुहाई
इस बड़े मामले पर जब स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदार अधिकारी सीएमओ सुलतानपुर डॉक्टर सीबीएन त्रिपाठी ने मामले की जानकारी होने से ही इनकार किया। सवाल ये है जब अधिकारी नींद में मस्त हैं तो सिस्टम पटरी पर कैसे आएगा। हैरत की बात यह है कि सांसद रहते हुए वरुण गांधी ने अस्पताल की इमरजेंसी में करोड़ों रुपए के उपकरण और हाल में सांसद चुने जाने के बाद मेनका गांधी यहां बड़े पैमाने पर सामान और एंबुलेंस उपलब्ध करा चुकी हैं।

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