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भारत-चीन के बीच 16 घंटे तक चली कमांडर लेवल की बैठक, इस बात पर दिया गया जोर

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच पिछले कई महीनों से चल रहे तनाव को कम करने के लिए सीमा पर सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता लगातार जारी है। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए 10वें दौर की सैन्य वार्ता की गई। मोल्दो बॉर्डर पर 16 घंटे तक चली भारत-चीन वार्ता के दौरान पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग जैसे क्षेत्रों से भी सैनिकों को वापस बुलाने की बात कही गई। जानकारी के मुताबिक दोनों देशों के बीच ये बैठक सुबह 10 बजे नियंत्रण रेखा पर चीन की तरफ मोल्दो सीमा क्षेत्र में शुरू होकर देर रात खत्म हुई।

भारत की ओर से सीमा पर जारी भारी तनाव को कम करने के लिए हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग जैसे क्षेत्रों से भी तेज गति से सैन्य वापसी पर जोर दिया गया। इससे पहले पिछली बैठक के बाद दोनों देशों ने पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर क्षेत्रों से अपने-अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है। सैनिकों को बॉर्डर से पीछे भेजन के साथ ही अस्त्र-शस्त्रों, अन्य सैन्य उपकरणों, बंकरों एवं अन्य निर्माण को भी हटा लिया है।

दोनों देशों के बीच ये वार्ता तब हुई है, जब पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर से भारत और चीन के सैनिकों, अस्त्र-शस्त्रों और अन्य सैन्य उपकरणों को हटाने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
दोनों देशों के बीच पिछले साल पांच मई को पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक संघर्ष के बाद सैन्य गतिरोध शुरू हुआ था और फिर हर रोज बदलते घटनाक्रम में दोनों पक्षों ने भारी संख्या में सैनिकों तथा घातक अस्त्र-शस्त्रों की तैनाती कर दी थी।

गतिरोध के लगभग पांच महीने बाद भारतीय सैनिकों ने कार्रवाई करते हुए पैंगोंग झील के दक्षिणी छोर क्षेत्र में मुखपारी, रेचिल ला और मगर हिल क्षेत्रों में सामरिक महत्व की कई पर्वत चोटियों पर तैनाती कर दी थी। 9वें दौर की सैन्य वार्ता में भारत ने विशेषकर पैंगोंग झील के उत्तरी क्षेत्र में फिंगर 4 से फिंगर 8 तक के क्षेत्रों से चीनी सैनिकों की वापसी पर जोर दिया था। वहीं, चीन ने पैंगोंग झील के दक्षिणी छोर पर सामरिक महत्व की चोटियों से भारतीय सैनिकों की वापसी पर जोर दिया था।

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