सुशांत सिंह राजपूत की मौत के एक वर्ष पूरे, आखिर क्यों जांच रिपोर्ट पर अंतिम मोहर नहीं लगा पा रही है CBI?

आखिर वह कौन से कारण है जिनके चलते सीबीआई सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में अपनी रिपोर्ट पर अंतिम मोहर नहीं लगा पा रही है. सुशांत की मौत को 1 साल बीत चुका है और सीबीआई जांच टीम की रिपोर्ट पिछले 6 महीने से सीबीआई निदेशक की टेबल पर पेंडिंग है. इस दौरान सीबीआई निदेशक तो बदल गए लेकिन निर्णय नहीं हुआ. सूत्रों के मुताबिक सीबीआई जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में सुशांत सिंह राजपूत की मौत को हत्या नहीं माना है.

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर पूरे देश में काफी हो हल्ला मचा था और मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी. सीबीआई ने इस मामले में अपनी विशेष जांच टीम बनाई और मुंबई जाकर महीनों तक मामले की जांच की. इस जांच के दौरान केंद्रीय फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री टीम के साथ-साथ अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम भी बनाई गई लेकिन इन दोनों ही टीमों ने सूत्रों के मुताबिक अपनी रिपोर्ट में कहा कि सुशांत की मौत हत्या नहीं है.

टीम ने मामले को पूरी तरह से खंगालने के लिए इस मामले की कथित मुख्य आरोपी रिया चक्रवर्ती समेत अनेक एवं लोगों से पूछताछ भी की थी. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक जांच के दौरान जो मुख्य दो पहलू थे उनकी गंभीरता से जांच की गई. इनमें पहला पहलू था पैसों के लिए सुशांत की हत्या करना और दूसरा पहलू था सुशांत की मौत को आत्महत्या दिखाना. दोनों ही मामलों में सीबीआई को देश से लेकर विदेश तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिससे यह कहा जा सके की सुशांत की हत्या की गई.

सीबीआई ने इस मामले मे सीएफएसएल जांच के अलावा एम्स के डाक्टरो का एक विशेषज्ञ पैनल भी बनाया लेकिन इस पैनल ने भी अपनी जांच रिपोर्ट मे साफ तौर पर कह दिया कि सुशांत की मौत हत्या नही है विशेषज्ञो ने इसके लिए अपनी रिपोर्ट मे कहा कि सुशांत के गले को रस्सी डाल कर आगे से पीछे की तरफ नही खींचा गया. सुशांत की गर्दन और आंख मे खून नहीं जमा था. शरीर का खून लटके रहने की वजह से नीचे आय़ा था. सुशांत को हैमरेज नहीं हुआ था. उस के सिर पर या गले पर किसी डंडे आदि से वार नहीं किया गया था. पोस्टमार्टम करने वालो डाक्टरो के पैनल ने एकमत में इसे आत्महत्या करार दिया.

इस मामले की जांच के दौरान फाइनैंशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट के जरिए सुशांत और रिया चक्रवर्ती जिन जिन देशों में गए थे वहां की भी पूरी जांच कराई गई. सूत्रों ने बताया की जांच के दौरान भी रिया के खाते में कोई पैसा नहीं मिला. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक जांच के दौरान पता चला कि रिया और सुशांत का परिवार दोनों ही एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. ऐसे में सुशांत को आत्महत्या के लिए किसने उकसाया इसका भी कोई सबूत फिलहाल नहीं मिला.

उधर रिया चक्रवर्ती ने अपने बयानों में स्पष्ट तौर पर कहा कि सुशांत को नशे की लत पड़ गई थी और इस बात को उनका परिवार जानता था. रिया की यह बात इस तरह से साबित हो गई कि उसकी परिजनों ने ही उसे नशे की लत से बचने के लिए दिल्ली के डॉक्टर द्वारा दवाइयां लिखवाई थी. सीबीआई की जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट 6 महीने पहले ही अपने मुख्यालय को सौंप दी थी और सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया था कि सुशांत की हत्या नहीं की गई .

सीबीआई में नियम कानूनों के मुताबिक यदि कोई मामला क्लोजर किया जाता है तो वह फाइल सीबीआई निदेशक तक जाती है. सुशांत मामले की यह फाइल भी सीबीआई निदेशक की टेबल तक गई और पुराने निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला रिटायर भी हो गए लेकिन उन्होंने फाइल पर कोई कमेंट नहीं किया और अब देखना यह होगा कि नए निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल इस फाइल को क्लोज करते हैं या फिर कोई दूसरा निर्णय लेते हैं. फिलहाल सीबीआई का आधिकारिक तौर पर इस मामले में कहना है कि मामले की जांच जारी है.

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