इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से विधायक माफिया मुख्तार अंसारी को मिली राहत की सांस
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बांदा जेल में बंद मऊ से विधायक माफिया मुख्तार अंसारी (डनाीजंत ।देंतप) को राहत दे दी है। मुख्तार अंसारी की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई की है। हाईकोर्ट ने एमपीध्एमएलए विशेष अदालत प्रयागराज को निर्देश दिया है कि वह जेल अधीक्षक से रिपोर्ट लेकर उचित आदेश पारित करे। विधायक अंसारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया था। माफिया मुख्तार अंसारी की तरफ से दाखिल अर्जी में रिहाई की मांग की गई है, जिसमें तर्क दिया गया है कि गैंगस्टर के मामलों में अधिकतम 10 साल की कारावास की सजा का ही प्रावधान है, ऐसे में अभियुक्त दोनों मुकदमों में 10 साल से ज्यादा सजा जेल में काट चुका है और अब रिहाई की मांग की है। बता दें, याचिका पर राज्य सरकार से पूरे मामले पर जवाब मांगा है, साथ ही कोर्ट से भी कहा है कि मामले में जेल अधीक्षक से रिपोर्ट लेकर उचित आदेश पारित करें। माफिया मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए नौलखा केस का हवाला देते हुए कहा है कि 10 साल से ज्यादा हो गया है और अब गैंगस्टर को जेल में नहीं रखा जा सकता है। इस तरह से जेल में रखना गैरकानूनी है। कोर्ट ने मामले में मुख्तार अंसारी को ट्रायल कोर्ट यानी एमपी एमएमए स्पेशल कोर्ट में दो हफ्ते में एक अर्जी देने और उस पर कोर्ट को जेल अधीक्षक से रिपोर्ट लेकर कानून के तहत उचित आदेश पारित करने का निर्देश दिया है। मुख्तार अंसारी की अर्जी पर जस्टिस सुनीत कुमार और जस्टिस विक्रम डी चौहान की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है।



