काशी में गंगा का जलस्तर बढ़ा,गंगा आरती का बदला स्थान

वाराणसी। देवाधिदेव महादेव का सबसे प्रिय माह सावन चल रहा है।सावन माह का पहला पखवाड़ा अब पूरा होने वाला है। सावन में अब मानसून की भी एंट्री हो चुकी है।बारिश से नदियों का जलस्तर भी बढ़ने लगा है।पहाड़ी और मैदानी इलाकों में हो रही भारी बारिश से गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।

गंगा का जलस्तर बढ़ने से देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी में घाट सिस्टम में बदलाव नजर आ रहा हैं।घाट की सीढ़ियों पर बैठने वाले पंडे-पुजारियों ने बढ़ते जलस्तर को देख अपने बस्ते ऊपर कर लिए थे तो वहीं अब आध्यात्मिक महत्व वाले दशाश्वमेध घाट की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती का स्थान भी बदल गया है। 26 जुलाई की शाम गंगा आरती का आयोजन उस स्थान से थोड़ा सा पीछे किया गया।जहां आम दिनों में आरती होती थी।इस बार बारिश के मौसम में पहली बार दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के आयोजन स्थल में बदलाव हुआ।गंगा आरती चबूतरे की जगह प्लेटफॉर्म पर ही हुई।

आरती स्थल में बदलाव का फैसला आयोजकों ने एक-एक सीढ़ी चढ़ रहा गंगा के पानी का रुख देखकर लिया गया। आयोजकों की मानें तो गंगा के बढ़ते हुए जलस्तर की रफ्तार ऐसी ही बनी रही तो जल्द ही प्लेटफॉर्म पर भी आरती संभव नहीं हो पाएगी और इसका आयोजन पीछे की सीढ़ियों पर करना पड़ेगा।

गंगा आरती प्लेटफॉर्म की जगह सीढ़ियों पर आयोजित होगी तो इसका असर देश-दुनिया के अलग-अलग इलाकों से इस भव्य आरती का दीदार करने पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए की जाने वाली व्यवस्था पर भी पड़ेगा।श्रद्धालुओं के बैठने के लिए इंतजाम की जगह कम हो जाएगी।

आपको बता दें कि हर वर्ष जब गंगा का जलस्तर बढ़ता है तब गंगा आरती का स्थान भी बदलता है।गंगा नदी के जल में गंगा घाट की सीढ़ियां जलमग्न हो जाती हैं।जिससे गंगा आरती का स्थान बदलना पड़ता है।दशाश्वमेध घाट की आरती देखने के लिए और शामिल होने के लिए देश-दुनिया की अलग-अलग जगहों से बड़ी तादाद में लोग पहुंचते हैं।

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