काशी में बढ़ा गंगा का जलस्तर, सड़क पर चल रही हैं नाव

वाराणसी: देश के अन्य हिस्सों के साथ धर्म नगरी काशी में भी गंगा कर रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. आलम यह है कि गंगा अब घाटों को छोड़कर सड़कों की ओर रुख कर चुकी है. बात यदि बनारस के अस्सी घाट की कर ले तो अस्सी घाट पर गंगा का पानी सड़कों पर जा पहुंचा है. जिसके वजह से न सिर्फ वहां के बाशिंदों बल्कि वहां मौजूद होटल व रेस्टोरेंट कारोबारियों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

काशी में बाढ़ का जलजला ऐसा है कि लगभग डेढ़ सौ से ज्यादा गांवों व सैकड़ों रिहायशी कॉलोनियों के मकान इसकी जद में आ चुके हैं. आलम यह है कि अब लोगों को नाव पर सफर करके अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ रहा है. इसी क्रम में अस्सी घाट पर भी गंगा अब सड़कों की ओर रुख कर चुकी है. सड़कों पर भी नाव का संचालन शुरू हो गया है. अस्सी घाट के बाशिंदों का कहना है कि गंगा के स्वरूप के कारण हमें खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पानी बिजली वह अन्य कई समस्याएं हैं, जिससे हम जूझ रहे हैं. उन्होंने बताया कि हमें जल्द अपना सामान भी हटाना पड़ रहा है और यदि ऐसे ही मां गंगा की रफ्तार रही तो जल्दी हमें यहां से पलायन भी करना पड़ेगा.
वहीं, रेस्टारेंट संचालक व होटल कारोबारी भी मां गंगा के बढ़ते जलस्तर से चिंता में है. उनका कहना है कि इससे उनके व्यापार पर भी खासा असर पड़ेगा. क्योंकि भले ही गंगा 1 हफ्ते के अंदर वापस से घाटों तक सीमित हो जाएं, लेकिन बढ़ते गंगा के जलस्तर के कारण जो दुश्वारियां फैलेंगी. उस दुश्वारियां से उनका व्यापार लगभग एक से डेढ़ महीने प्रभावित रहेगा. जिससे उनको खासा नुकसान का सामना करना पड़ेगा.
बढ़ते जलस्तर में नाविक अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. जी हां आपदा के समय जहां लोग अवसर की तलाश कर अपनी जेब भरते हैं, ऐसे में काशी के नाविक लोगों की मदद करने के लिए आगे आए हैं. वो लोगों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए वह कोई निर्धारित किराया नहीं ले रहे हैं. यदि कोई अपनी इच्छा से कुछ शुल्क देना चाहे तो दे सकता है.

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