टीटीएमएल की थमी उड़ान, वोडाफोन-आईडिया के शेयर चढ़े
नई दिल्ली। वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) और टाटा टेलीसर्विसेज (महाराष्ट्र) यानी टीटीएमएल में सरकार द्वारा हिस्सेदारी लेने के फैसले के बाद आज शेयर बाजार में दोनों स्टॉक्स में बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। मंगलवार को वोडाफोन-आइडिया 20 फीसदी से ज्यादा लुढ़कने के बाद आज सुबह 10.34 बजे तक 6.36प्रतिशत तक उछल चुका था तो वहीं, टीटीएमएल की पिछले एक पखवाड़े से चल रही अपर सर्किट की उड़ान थम गई। आज टीटीएमएल में 5 फीसद का लोअर सर्किट लगा है। अब टीटीएमएल का शेयर प्राइस 14.50 रुपये के नुकसान के साथ 275.65 रुपये पर आ गया है। मंगलवार को यह 290.15 रुपये पर बंद हुआ था।
वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) ने वीआईएल ने शेयर बाजार को यह जानकारी कि सरकार को चुकाए जाने वाले 16,000 करोड़ रुपये के ब्याज बकाया को इच्टिी में बदलने का फैसला किया है, जो कंपनी में 35.8 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर होगा। यानी अगर यह योजना पूरी हो जाती है, तो सरकार कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारकों में एक बन जाएगी। कंपनी पर इस समय 1.95 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। इसी तरह टाटा टेलीसर्विसेज (महाराष्ट्र) ने भी मंगलवार को कहा कि वह समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाया से संबंधित ब्याज को इच्टिी में बदलेगी। इससे सरकार की कंपनी में हिस्सेदारी करीब 9.5 प्रतिशत हो सकती है। टाटा टेलीसर्विसेज ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसके आकलन के अनुसार ब्याज का शुद्ध रूप से मौजूदा मूल्य (एनपीवी) करीब 850 करोड़ रुपये है। यह अनुमान दूरसंचार विभाग की पुष्टि पर निर्भर है। ब्याज को इच्टिी यानी शेयर में बदलने से सरकार की कंपनी में हिस्सेदारी 9.5 प्रतिशत होगी।
टाटा टेलीसर्विसेज (टीटीएमएल) ने कहा, अधिकार प्राप्त निदेशक मंडल की 11 जनवरी, 2022 को हुई बैठक में कंपनी ने एजीआर बकाये से जुड़े ब्याज को इच्टिी में बदलने की इच्छा जतायी गयी। यह नियम एवं शर्तों को लेकर द्विपक्षीय समझौते पर निर्भर करेगा। इसमें ब्याज को इच्टिी शेयर में बदलने के बाद कंपनी संचालन और विभिन्न नियामकीय/कानूनी प्रावधान शामिल हैं।
दूरसंचार विभाग की तरफ से सूचना में प्रदान की गई गणना पद्धति के अनुसार, 14 अगस्त, 2021 की प्रासंगिक तिथि पर कंपनी के शेयर की औसत कीमत लगभग 41.50 रुपये प्रति इच्टिी बैठती है। यह दूरसंचार विभाग की अंतिम रूप से पुष्टि पर निर्भर करेगा। कंपनी के अनुसार, अगर ब्याज को इच्टिी में बदला जाता है, इससे कंपनी के प्रवर्तकों समेत मौजूदा शेयरधारकों की हिस्सेदारी कम होगी।