बस यूं ही मैं अचानक एक्टर बन गया- मनीष खन्ना

जाने-माने एक्टर मनीष खन्ना आज़ाद चैनल के शो ‘लवपंती’ में केदारनाथ सिंह की भूमिका को लेकर इन दिनों खास चर्चा में हैं। मूल रुप से वाराणसी निवासी मनीष खन्ना ने जमीन, माई वाइफ्स मर्डर, डी डे, मुंबई मिरर, जय हो, सिलसिला है प्यार का जैसी 22 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है। उन्होंने जय हनुमान, जय महाभारत, महादेव, कहीं किसी रोज, प्यार का दर्द है, परदेस में है मेरा दिल, नागिन, मोल्की, ब्रह्मराक्षस, सिद्धि विनायकजैसे 100 से ज्यादा धारावाहिक और जिंदाबाद, ए माउस इन ए ट्रैप जैसी वेब सीरीज की है। लवपंती शो में केदारनाथ सिंह परिवार के मुखिया हैं।

शो में उनके किरदार के अलावा मनीष ने कई अन्य बिंदुओं पर बातचीत हुई। 

  • आपने किस बात से प्रेरित होकर इस शो के लिए हां की?
    सबसे पहले तो शो का निर्माण मेरे बहुत अच्छे दोस्त महेश पांडे कर रहे हैं, इसलिए जब उन्होंने मुझे इसके लिए बुलाया तो मैंने तुरंत हां कर दी।
  • आपने अपने इस रोल के लिए कैसे तैयारी की?
    ज्यादा तैयारी की जरूरत नहीं पड़ी सिवाय इसके कि मैंने अपनी मूंछें खुद बढ़ाईं ताकि परफॉर्मेंस में कोई अड़चन न आए।
  • यदि आप इस शो में अपने किरदार के बारे में एक चीज बदलना चाहेंगे तो वो क्या होगी?
    नहीं, मैं अपने किरदार में कुछ भी नहीं बदलना चाहता क्योंकि ये किरदार अपने आप में बहुत मजबूत है और मैं इसका मजा ले रहा हूं।
  • जब आपको शो के लिए फाइनल किया गया तो आपकी पहली प्रतिक्रिया क्या थी?
    जाहिर है, मैं बहुत खुश था क्योंकि लॉकडाउन के कारण कुछ समय के लिए घर में रहने के बाद मुझे शो के लिए फाइनल किया जा रहा था और मैं कुछ काम करना चाहता था। ये चौनल गांव प्रेमी दर्शकों का पहला मनोरंजन चौनल है, जिसमें खास तौर पर उन्हीं के लिए कहानियां बनाई जा रही हैं। और बनारस से होने के नाते मेरे लिए ऐसी कहानी का हिस्सा बनना दिलचस्प है, जो गांव प्रेमी दर्शकों के लिए राजस्थान इन्फोटेक चौनल नंबर 323 पर उपलब्ध है। 
  • एक्टर बनने से पहले आपके सफर के बारे में बताएं?
    मैं बस यूंही अचानक एक्टर बन गया। मैंने स्वर्गीय गोगी आनंद के सहायक निर्देशक के रूप में शुरुआत की थी। एकता कपूर ने मुझे देखा और मुझे एक्टिंग में ले आईं क्योंकि मैं उस समय बालाजी टेलीफिल्म्स के लिए काम कर रहा था। मेरा पहला शो था – मानो या ना मानो।
  • आप अगले पांच सालों में अपने आपको कहां देखते हैं?
    कोई भी वर्तमान परिदृश्य को लेकर भविष्यवाणी नहीं कर सकता है। फिलहाल तो इस पल में जी रहा हूं। मैं इंसानियत में यकीन करता हूं।

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