इंकलाब जो खुलकर गाए,कविता उसको कहते हैं..
फतेहपुर । शहर के पटेल नगर चौराहे पर पटेल सेवा संस्थान के तत्वावधान एवं कवि सत्येंद्र पटेल प्रखर के संयोजन में शाम-ए-सरदार के अंतर्गत सरदार पटेल की जयंती की पूर्व संध्या पर विशाल कवि सम्मेलन और मुशायरे का आयोजन किया गया। जिसमें रचनाकारों ने सामाजिक संदर्भ,सरदार पटेल के कृतित्व व्यक्तित्व तथा अन्य विषयों पर शानदार रचनाएं प्रस्तुत की। इसके पहले प्रदेश के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान,विधायक राजेंद्र सिंह पटेल,विधायक जय कुमार सिंह जैकी, पटेल सेवा संस्थान के अध्यक्ष लाल देवेंद्र प्रताप सिंह,सत्येंद्र सिंह प्रखर आदि ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।सभी लोगों ने सरदार पटेल के चित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया।पटेल सेवा संस्थान ने सभी अतिथियों का फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया।
मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने कवियों को युग दृष्टा कहा। यह भी कहा कि कवि शायर नेताओं पर कटाक्ष तो करते हैं लेकिन सही रास्ता भी दिखाते हैं।इसके पहले सभी अतिथियों ने बुलेट चौराहा स्थित साहू जी महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।कवि सम्मेलन के बाद पटेल सेवा संस्थान की ओर से सभी लोगों ने केक काटकर मोमबत्ती की रोशनी करते हुए माल्यार्पण के साथ सरदार पटेल को याद किया।उन्नाव के मानसिंह द्वारा बुद्ध वंदना से कवि सम्मेलन की विधिवत शुरुआत हुई।जाने-माने कवि सत्येंद सिंह पटेल के संचालन में हुए कवि सम्मेलन में हास्य सम्राट अशोक बेशरम ने कवि सम्मेलन को बड़ा बना दिया।उनकी हास्य व्यंग्य की रचनाओं से श्रोता आनंदित रहे।बसंतनामा सुनाकर उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया- नेता ऊ जऊन जीत कै,कुछु काम ना करे,दुई दिन मा गुजरि जाय तो समझो बसंत है।कवि एवं शायर शिवशरण बंधु हथगामी ने कई अच्छे कलाम पेश किए-हम किसी को सताने नहीं आए हैं,दिल किसी का दुखाने नहीं आए हैं,लोग भूखो मरें और हम खुश रहें,ऐसी दौलत कमाने नहीं आए हैं।अमर हैं बल्लभ वीर महान जैसी श्रेष्ठ रचना करने वाले कार्यक्रम के संयोजक सत्येंद्र पटेल प्रखर में संचालन के साथ-साथ बेहतरीन रचनाएं भी प्रस्तुत किया -जाति,धर्म,कुल,ऊंच-नीच,बंट रहा समाज हमारा है,कैसे लिख दूं ये भारत,जहां में सबसे प्यारा है।
मखदूमपुर फूलपुरी ने अपनी गजलों और गीतों से श्रोताओं को बहुत प्रभावित किया-दुलार करती हो चिड़िया जब अपने बच्चों को,तुम ऐसे वक्त पे उसका शिकार मत करना।वीर रस के कवि चैनल फेम लवलेश यदुवंशी प्रतापगढ़ी ने पढ़ा -अगर सरदार बल्लभ जी नहीं होते तो आखिर फिर,यहां भारत को भारत भी बनाता कौन भारत में।उन्नाव के मानसिंह ने सुनाया -इंकलाब जो खुलकर गाए,कविता उसको कहते हैं। हास्य कवि संदीप शरारती,सौरभ शुक्ला,जीतेंद्र जलज,अंजलि उमराव, सलोनी पटेल आदि ने भी काव्य पाठ किया।वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश वर्मा, पुनीत वीर विक्रम,देवेंद्र वर्मा,बालराज उमराव,राजू कुर्मी,परशुराम पटेल, सुनील उमराव,सुनील वर्मा,गगनेंद्र पटेल,शैलेंद्र उमराव,योगेंद्र सिंह गोली, रामबाबू उमराव पप्पू,गोवर्धन पटेल, हरिशंकर वर्मा,राज बहादुर सिंह, राजीव उमराव,रामसनेही बाबू,ज्ञान सिंह,अजय सिंह,ऋषभ उमराव अनुपम सिंह,अश्वनी सचान,सत्येंद्र सिंह पटेल,शशांक सिंह आदि अनेक विशिष्ट लोगों ने कवि सम्मेलन का आनंद लिया।शाल भेंट कर कवियों को पटेल सेवा संस्थान द्वारा सम्मानित किया गया।



