करोड़ों की चोरी मामले में निलंबित आईपीएस अधिकारी धीरत सोतिया के खिलाफ जारी हुआ अरेस्ट वॉरंट

गुरुग्राम। गुरुग्राम के डीसीपी साउथ रहे निलंबित अईपीएस अधिकारी धीरज कुमार सोतिया (IPS Dheeraj Kumar Sotia) के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी हो गया है। शनिवार को एसटीएफ (STF) की सिफारिश पर गुरुग्राम की कोर्ट ने ये वॉरंट जारी किए हैं। निलंबित आईपीएस अधिकारी पर आरोप है कि, उन्होंने भी चोरी की राशि में से मोटी रकम ली थी। जिसमें से कुछ रकम बाद में वापस कर दी और कुछ अपने पास ही रखी। खेड़की दौला एरिया सोसायटी के फ्लैट में करोड़ों की चोरी मामले में धीरज कुमार को पहले ही हरियाणा के गृह मंत्रालय के आदेश पर सस्पेंड किया जा चुका है।

निलंबित आईपीएस अधिकारी धीरज कुमार को एसटीएफ ने इससे पहले दो बार नोटिस भेजा था लेकिन धीरज सोतिया दोनों बार उपस्थित नहीं हुए। एसटीएफ इसके बाद उनके घर भी गई थी लेकिन वो घर पर भी मौजूद नहीं थे। इसके बाद एसटीएफ ने कोर्ट से अरेस्ट वॉरंट जारी करने की अर्जी लगाई थी जिसके कोर्ट ने मंजूर करते हुए शनिवार को ऑर्डर जारी कर दिए। एडवोकेट जगबीर सहराव ने वॉरंट जारी होने की पुष्टि की है।
गुरुग्राम में फ्लैट से करोड़ों की चोरी का यह मामला अगस्त में सामने आया था जिसमें अबतक गुरुग्राम पुलिस ने 10 लोगों को अरेस्ट किया है। इसके बाद एसटीएफ को ये जांच सौंपी गई और एसटीएफ ने भी अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। छठे शख्स भिवानी के बवानीखेड़ा निवासी अजीत को शुक्रवार को अरेस्ट किया गया जिसे पांच दिन की पुलि रिमांड पर भेजा गया है।

एसटीएफ के अधिकारी ने इस मामले की पूरी कहानी बताई। उन्होंने बताया कि, शहर के डॉक्‍टर जेपी जोशी को डेवलपर के कर्मचारी श्‍याम ने कॉल किया था। श्‍याम ने कैश की लोकेशन की डीटेल्‍स शेयर कीं। लोकेशन में डेवलपर के दो फ्लैटों का जिक्र था। श्‍याम ने वादा किया पुरस्‍कार के तौर पर उसे जो रकम मिलेगी उसे वह जोशी के साथ बांटेगा।

जोशी ने अपने ही परिचित डॉक्‍टर सचिंदर जैन (नवल) से संपर्क किया। जैन के आईपीएस अधिकारियों के साथ कॉन्‍टैक्‍ट थे। जैन ने गुरुग्राम में तत्‍कालीन डीसीपी (दक्षिण) धीरज सोतिया से बात की। सोतिया से रेड डालने का अनुरोध किया गया। लेकिन, माना जाता है कि सोतिया ने इस अनुरोध को मानने से इनकार कर दिया। उन्‍होंने डॉक्‍टर से प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों से संपर्क करने के लिए कहा।

एसटीएफ की जांच के अनुसार, इस बीच जैन के ड्राइवर जोगिंदर ने एक सुझाव दिया। उसने बताया कि वह विकास लंगरपुरिया को जानता है। जोगिंदर लंगरपुरिया का रिश्‍तेदार है। डॉक्‍टर जैन ने डीटेल्‍स गैंगस्‍टर को आगे पास कर दीं।
लंगरपुरिया के आदमी जुलाई के मध्‍य में रेकी के लिए उसी सोसाइटी में किराये का फ्लैट लेकर रहने लगे। 4 अगस्‍त की सुबह श्‍याम और डेवलपर के एक और कर्मचारी आनंद के साथ गैंग के आदमी फ्लैटों से पैसा चुरा ले गए। जिन वाहनों में लूट की रकम ले जाई गई उनमें से एक जोगिंदर चला रहा था। उसे अपने हिस्‍से के 70 लाख रुपये दिए गए।
संदिग्‍धों के साथ पूछताछ में एसटीएफ को पता चला कि कैश को दो हिस्‍सों में ले जाया गया। पहले 9 करोड़ रुपये की डकैती डाली गई। उसके अगले दिन और 15 करोड़ रुपये लूटे गए। इस पैसे को पार लगाने में एएसआई, विकास गुलिया और लंगरपुरिया के आदमियों पर शक था। गुलिया और लंगरपुरिया झज्‍जर में एक ही गांव के रहने वाले थे। डकैती में शामिल गैंग के सदस्‍यों को कुछ लाख रुपये दिए गए। इसके बाद वो शहर छोड़कर चले गए।

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