जंगल की लकड़ी कटाई जोरों पर, जंगल माफियओ को अधिकारियों का मिला रहा संरक्षण
हमीरपुर। क्षेत्र में फैले जंगल की कटाई तो लकड़ी माफियाओं के द्वारा बराबर वर्षो से चली आ रही है माफियाओं द्वारा उस लकड़ी को दूर ईट भट्ठों में या फिर कोयला भट्ठियों में बेचते का काम किया जाता था। परंतु अब प्रशासन की मेहबानी से कुरारा में ही लकड़ी के डम्प खुल जाने से उक्त लकड़ी माफियाओं की लकड़ी दूर ले जाने की परेशानी को खत्म कर दिया है जिसके चलते जंगल कटाई की रफ्तार में भी गति आई है।
कुरारा क्षेत्र में मनकी रोड़, भौली रोड़, बेरी रोड़ इन सभी जगह सैकड़ो एकड़ में जंगल फैला हुआ है जिसकी कटान कुछ लकड़ी माफियाओं द्वारा मध्यम गति से अक्सर होती रहती थी क्योकि उक्त माफियाओं को उस लकड़ी को दूर अन्य जनपदों में ले जाकर बेचना पड़ता था परंतु अब प्रशासन की मेहबानी से कुरारा कस्बे में ही लकड़ी के दो डम्प लगवा कर उन माफियाओं की समश्या से उन्हें निजात दे दी है। जिसके चलते बारहों महीने बेखौफ होकर लकड़ी माफियाओं द्वारा जंगल के हरे पेड़ो पर आरी चलाई जा रही है। लकड़ी के डम्प लगने के पहले तक कुरारा क्षेत्र में कुछ ही लकड़ी के माफिया हुआ करते थे परंतु डम्प लगने के बाद तो इनकी गिनती सैकड़ो में जा पहुची है। और जब लकड़ी काटने वाले ज्यादा तो लकड़ी भी ज्यादा कटेगी। और ज्यादा लकड़ी किटने के बाद उसे प्रशासन की मेहबानी के चलते बेचना भी आसान हो गया क्यो की पहले इन माफियाओं को कई थानों से होकर गुजरना पड़ता था और जी हुजूरी भी करनी पड़ती थी अब केवल थाना कुरारा में ही जी हुजूरी करनी पड़ती है बाकी सीना चौड़ा कर डम्पो में लकड़ी बेच दी जाती है। पूरे दिन में कई दर्जन ट्रैक्टर पुलिस की आंखों के सामने लकड़ी लादकर निकलते है और पुलिस उनसे ये तक पूछना उचित नही समझती की ये लकड़ी किसकी और कहा से आई है। क्या सरकार द्वारा हर साल लाखो की संख्या में पेड़ो का रोपड़ इन्ही माफियाओं के लिए करवाया जाता है।



