पंचतत्व में विलीन ‘शौर्यवीर’ ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, बैरागढ़ विश्राम घाट पर भाई ने दी मुखाग्रि
बैरागढ़ विश्राम घाट पर शहीद वरुण सिंह का अंतिम संस्कार (Last rites of Group Captain Varun Singh performed at bairagarh) किया गया, उनके छोटे भाई लेफ्टिनेंट कमांडर तनुज सिंह ने मुखाग्नि दी, अंतिम यात्रा से लेकर दाह संस्कार तक पूरा परिवार मुख्यमंत्री, कई मंत्री और सेना के अधिकारी मौजूद रहे.
भोपाल। बैरागढ़ श्मशान घाट पर शहीद वरुण सिंह का राजकीय और सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार (Last rites of Group Captain Varun Singh performed at bairagarh) किया गया, शहीद के छोटे भाई नौसेना में लेफ्टिनेंट कमांडर तनुज सिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी. शहीद के अंतिम संस्कार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा मौजूदा और रिटायर्ड अधिकारी के साथ ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी शामिल हुए. भारत मां की जय के नारों के साथ देश के इस वीर सिपाही को अंतिम विदाई दी गई.
परिवार ने नम आंखों से शहीद को अंतिम विदाई दी, बैरागढ़ विश्राम घाट पर शहीद के पिता केपी सिंह उनकी पत्नी दोनों बच्चे उनकी बहन मौजूद रहे, इसके अलावा इंदौर से भी कैप्टन के ससुराल पक्ष के तमाम रिश्तेदार मौजूद रहे. शहीद कैप्टन की पत्नी गीतांजलि अपनी बेटी और बेटे को साथ लिए एकटक पति की अंतिम यात्रा निहारती रहीं, लेकिन उन्होंने अपनी आंख से आंसू नहीं छलकने दिया.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई मंत्री और विधायक शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल हुए. मुख्यमंत्री बैरागढ़ श्मशान घाट पहुंचकर शहीद को पुष्पांजलि अर्पित किए और परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया. मुख्यमंत्री शहीद के अंतिम संस्कार होने तक परिजनों के साथ ही मौजूद रहे. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग स्थानीय बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा सहित कई नेता और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए मौजूद रहे.
पहले शहीद वरुण सिंह की अंतिम यात्रा उनके सनसिटी क्षेत्र स्थित घर से शुरू होने वाली थी, जोकि लालघाटी और बैरागढ़ होते हुए श्मशान घाट तक प्रस्तावित थी, लेकिन देर रात इसमें बदलाव किया गया. शहीद कैप्टन वरुण सिंह के पिता केपी सिंह के सुझाव पर तय किया गया हॉस्पिटल से शहीद के शव को सीधे विश्राम घाट लाया जाए, ऐसा करने से 6 किलोमीटर की दूरी सिर्फ 1 किलोमीटर में सिमट गई और लोगों को जाम से भी नहीं जूझना पड़ा.
8 दिसंबर को कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर क्रैश में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह बुरी तरह से जख्मी हुए थे, हादसे में वह करीब 45 फीसदी तक जल गए थे, 7 दिन चले इलाज के बाद ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह 15 दिसंबर को जिंदगी की जंग हार गए थे. शहीद वरुण सिंह का पूरा परिवार सेना से ताल्लुक रखता है, उनके पिता केपी सिंह सेना से रिटायर्ड कर्नल हैं, जबकि छोटा भाई तनुज सिंह नौ सेना में लेफ्टिनेंट कमांडर है.