69000ShikshakBharti- उत्तर प्रदेश में 69,000 शिक्षक भर्ती: विवाद, न्यायिक फैसले और उम्मीदवारों की उम्मीदें
69000ShikshakBharti- उत्तर प्रदेश की 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया एक बार फिर सुर्खियों में है। भर्ती में आरक्षण अनियमितताओं और दस्तावेजों की त्रुटियों के चलते कई उम्मीदवारों की नियुक्तियाँ संकट में हैं, जबकि कुछ के लिए नई उम्मीदें भी जगी हैं।
हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: पूरी मेरिट लिस्ट रद्द
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अगस्त 2024 में 69,000 शिक्षक भर्ती की पूरी मेरिट सूची को रद्द कर दिया। कोर्ट ने पाया कि भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण नियमों का उल्लंघन हुआ है, जिससे लगभग 19,000 पदों पर अनियमितताएँ सामने आईं। कोर्ट ने सरकार को तीन महीने के भीतर नई मेरिट लिस्ट तैयार करने का आदेश दिया, जिसमें बेसिक शिक्षा नियमावली और आरक्षण नियमों का पालन अनिवार्य होगा।
EWS आरक्षण पर कोर्ट का रुख
भर्ती प्रक्रिया में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर याचिकाएँ दायर की गई थीं। हालांकि, हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि भर्ती प्रक्रिया 2018 में शुरू हुई थी, जबकि EWS आरक्षण नीति बाद में लागू हुई। इसलिए, इस भर्ती में EWS आरक्षण लागू करना संभव नहीं है।
दस्तावेजों में त्रुटियाँ: नौकरी पर संकट
गाजीपुर जिले में तीन शिक्षकों की नियुक्तियाँ संकट में हैं, क्योंकि उन्होंने आवश्यक बीटीसी प्रशिक्षण पूरा नहीं किया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) ने इन शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा है और दस्तावेजों की अधूरी स्थिति पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
इसके अलावा, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि जिन उम्मीदवारों ने भर्ती के लिए निर्धारित अंतिम तिथि के बाद अपनी शैक्षिक डिग्रियाँ जमा की हैं, उनकी नियुक्तियाँ निरस्त की जाएंगी। यह फैसला भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
उम्मीदवारों का विरोध प्रदर्शन
भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं के खिलाफ उम्मीदवारों ने लखनऊ में बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव किया और जोरदार नारेबाजी की। उनका आरोप है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की पैरवी ठीक से नहीं कर रही है, जिससे उनकी नियुक्तियाँ अटकी हुई हैं।
नई सूची से नई उम्मीदें
हाईकोर्ट के आदेश के बाद, नई मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी, जिससे उन 3,192 उम्मीदवारों को नौकरी मिलने की उम्मीद है जो एक नंबर से पास हुए थे। इससे पहले, एक प्रश्न के चारों विकल्प गलत होने के कारण कई उम्मीदवारों को एक अंक नहीं मिल पाया था, लेकिन अब उन्हें न्याय मिलने की संभावना है।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश की 69,000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं और न्यायिक हस्तक्षेपों के चलते कई उम्मीदवारों की नियुक्तियाँ प्रभावित हुई हैं। हालांकि, हाईकोर्ट के आदेशों और नई मेरिट लिस्ट की तैयारी से योग्य उम्मीदवारों के लिए नई उम्मीदें भी जगी हैं। अब देखना होगा कि सरकार और संबंधित विभाग इस प्रक्रिया को कितनी पारदर्शिता और निष्पक्षता से पूरा करते हैं।