विद्या भारती की पहल अभिभावकों और बच्चों के लिए बनेगी मिसाल: डा. शुचिता चतुर्वेदी
लखनऊ। किसी भी समस्या के समाधान के लिए रणनीति बनाने की जरूरत है, चाहें वह कोरोना संक्रमण ही क्यों न हो। गोरखपुर में इंसेफाइलाइटिस जैसी संक्रामक बीमारियों से मुक्ति इसी का परिणाम है। हमारे पास जो संसाधन हैं, वह कोरोना जैसी महामारी पर प्रहार करने के लिए पर्याप्त हैं, सिर्फ हमें जागरूक होने की आवश्यकता है। उक्त बातें विशिष्ट वक्ता आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेन्द्र दुबे ने मंगलवार को सरस्वती कुंज निरालानगर स्थित प्रो. राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया डिजिटल सूचना संवाद केंद्र में आयोजित ‘बच्चे हैं अनमोल’ कार्यक्रम के 19वें अंक में कहीं। इस कार्यक्रम में विद्या भारती के शिक्षक, बच्चे और उनके अभिभावक सहित लाखों लोग आनलाइन जुड़े थे, जिनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया।
विशिष्ट वक्ता अखिलेन्द्र दुबे जी ने स्वस्थ तन और स्वस्थ मन पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से लड़ने के लिए बच्चों का तन और मन दोनों मजबूत होना चाहिए। यदि तन स्वस्थ होगा तभी मन स्वस्थ होगा। बच्चों के मन को मजबूत करने के लिए उन्हें सकारात्मक और प्रेरक कथाएं सुनानी चाहिए, जिससे उनके मन का डर भी समाप्त होगा और उनके आत्मबल को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमारे भीतर की आत्मशक्ति किसी भी समस्या को समाप्त कर सकती है, फिर चाहें वह कोरोना ही क्यों न हो। साथ ही उन्होंने अभिभावकों से बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की बात कही।
उन्होंने कहा कि अभिभावक बच्चों को शारीरिक के साथ-साथ मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए पौष्टिक भोजन दें। नवजात शिशुओं को छह माह तक माताएं स्तनपान अवश्य कराएं। उन्होंने कहा कि हमें संसाधनों को लेकर सरकार पर पूर्णतया निर्भर नहीं रहना चाहिए।
इस मौके पर कार्यक्रम अध्यक्ष उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने कहा कि विद्या भारती का यह कार्यक्रम अभिभावकों एवं बच्चों के लिए मिसाल बनेगा, क्योकि इसके जरिए लाखों अभिभावक और बच्चे जागरूक हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली लहर के बाद दूसरी लहर के समय हम सभी लोगों ने लापरवाही करनी शुरू कर दी थी, जिसका नतीजा हमारे सामने दिखाई दिया। ऐसे में हम जागरूक और सतर्क रहने की जरूरत है।