बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सीएम योगी ने किया हवाई सर्वे, आधिकारियं को दिए ये निर्देश

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को हमीरपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद उन्होंने बाढ़ प्रभावितों को राहत सामग्री का वितरण किया और प्रभावित लोगों से बाढ़ राहत व बचाव कार्यों की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने कलेक्ट्रेट सभागार में जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित सभी राजस्व गांवों में नोडल अधिकारी की तैनाती की जाए, जो लगातार बाढ़ की स्थिति तथा राहत सामग्री के वितरण पर निगरानी रखें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित व्यक्तियों को तत्काल राहत सामग्री वितरित की जाए। सभी प्रभावित गांवों में एक-एक नाव की व्यवस्था की जाए, जिससे लोगों को कठिनाई न हो। पर्याप्त मात्रा में बाढ़ चौकियों की स्थापना की जाए। लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए जाएं। बाढ़ प्रभावित गांवों में पुलिस द्वारा पेट्रोलिंग की जाए ताकि इन गांवों में चोरी आदि की घटनाएं न हों। बाढ़ राहत शिविरों में महिलाएं भी रह रही हैं, इसके दृष्टिगत इन शिविरों में महिला आरक्षियों की भी ड्यूटी लगायी जाए।

उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को यमुना और बेतवा नदियों के बांधों पर सतत् निगरानी रखने के निर्देश देते हुए कहा कि हमीरपुर में बाढ़ की समस्या के स्थायी समाधान के लिए परियोजना बनाई जाए। उन्होंने कहा कि जिन गांवों में विद्युत आपूर्ति प्रभावित है, वहां पेट्रोमैक्स इत्यादि की व्यवस्था करायी जाए। उन्होंने विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन गांवों में विद्युत आपूर्ति प्रभावित हुई है, वहां बाढ़ का पानी निकल जाने के बाद यथाशीघ्र विद्युत आपूर्ति बहाल की जाए।

उन्होंने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को पशुओं के लिए चारे व दवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश भी दिए। योगी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को बाढ़ से प्रभावित सभी गांवों में बाढ़ का पानी कम हो जाने पर डॉक्टरों की टीम का भ्रमण कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बीमार व्यक्तियों को दवाएं उपलब्ध कराई जाएं। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों/सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन और दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सभी प्रभावित गांवों में बाढ़ का पानी कम होने पर सैनेटाइजेशन का कार्य प्रभावी रूप से संचालित कराया जाए।

मुख्यमंत्री ने हमीरपुर में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि हमीरपुर में बाढ़ का मुख्य कारण यमुना और बेतवा नदी में भारी पैमाने पर जल छोड़ना है। यमुना में राजस्थान के कोटा डैम से और बेतवा नदी में माताटीला डैम से जल छोड़ने के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है। इससे जनपद हमीरपुर के 90 गांव प्रभावित हुए हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों की राहत व बचाव के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधिगण के साथ प्रशासन, एसडीआरएफ और पीएसी की यूनिट कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में खाद्यान्न एवं राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।

आपदा राहत निधि से पहले से ही हर एक जिले को पर्याप्त धनराशि दी गई है, जिससे 10 किलो चावल, 10 किलो आटा, 10 किलो आलू, दो किलो दाल, भूजा, चना, तेल, मसाला, नमक, मोमबत्ती और केरोसीन आदि राहत सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है। प्रभावित परिवारों को राहत उपलब्ध कराने के लिए सभी प्रभावित गांवों में प्रशासन द्वारा नौका की व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवाएं सुलभ करायी जा रही हैं। पशुओं के लिए हर जगह चारे की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित गांवों में जल स्तर घटने के साथ ही डायरिया जैसी संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए औषधि की व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की सतर्कता के कारण अब तक किसी भी प्रकार जन अथवा पशुहानि नहीं हुई है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हमीरपुर के बाढ़ प्रभावित सभी 90 गांवों को शीघ्र ही राहत मिलेगी और सामान्य जीवन बहाल होगा।

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