लखनऊ: सीएम योगी ने किया बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई सर्वे, कहा- सरकार आपके साथ

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार से तीन दिवसीय बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई दौरा कर स्थिति का जायजा ले रहे है। इस क्रम में उन्होंने तीन जिलों का दौरा किया। इस दौरान वे बाढ़ राहत केंद्रों का निरीक्षण कर पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित किया। इस दौरान लोगों को भरोसा दिया कि हर परिस्थिति में सरकार आपके साथ मौजूद है। बीते कुछ दिनों से पूर्वी प्रदेश के तराई के कुछ जिले राप्ती, रोहिन, घाघरा, गंडक, बूढ़ी राप्ती आदि नदियों के बाढ़ से प्रभावित हैं। फिलहाल मुख्यमंत्री बाढ़ की वर्तमान स्थिति जानने के लिए ग्राउंड जीरो पर बाढ़ पीड़ितों के बीच हैं।

इस क्रम में वह शुक्रवार को बहराइच, गोंडा और बलरामपुर में हैं। दौरे के बाद बलरामपुर (देवीपाटन) में रात्रि विश्राम करेंगे। शनिवार को वह सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, कुशीनगर और गोरखपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे। गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर के मठ में रात्रि विश्राम के बाद रविवार को वह वाराणसी व आसपास के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सघन दौरा करने के साथ इससे प्रभावित लोगों से मुलाकात की। उनसे उनकी छोटी-छोटी जरूरतों, राहत सामग्री और नावों की उपलब्धता के बारे में पूछा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जनपद से कहा गया है कि वह ये सुनिश्चित करें कि जो फसल की हानि हुई है क्योंकि धान, गन्ने की खड़ी फसल के साथ सब्जियों की भी नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में हानि हुई है। इसका आकलन करें और तत्काल व्यापक सर्वे करके उन्हें राहत सामग्री के साथ-साथ सहायता राशि की भी वितरण की कार्रवाई समय पर करें। प्रदेश के अंदर वर्तमान में बाढ़ के साथ-साथ तमाम जनित बीमारी भी देखने को मिल रही हैं, हमने कल से एक-एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को नोडल अधिकारी की तैनाती कर दी है। चार सितम्बर से इसके निर्देश जारी कर दिए हैं। वो अधिकारी हर जिले में जाएंगे, अगले चार दिन वहां कैंप करेंगे, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री, साथ-साथ चल रहे बचाव कार्यो की भी समीक्षा करेंगे।

साथ ही वहां किसी भी प्रकार की जलजनित या विषाणुजनित बीमारियों को रोकने के लिए किए गए उपाय की समीक्षा के साथ जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर तेजी से बढ़ाने का कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि पांच सितंबर से लेकर 12 सितंबर तक हर जिले में स्वच्छता, सैनेटाइजेशन, शुद्ध पेयजल आपूर्ति को लेकर एक व्यापक अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, नगरविकास, ग्राम्य विकास और पंचायतीराज, महिला बाल विकास विभाग को विशेष रूप से इसकी जिम्मेदारी दी गई है।

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