लखनऊ: एलडीए ने दो बाबुओं समेत नौ लोगों के खिलाफ दर्ज कराया मुकदमा, जानें वजह

लखनऊ। एलडीए के भूखंडों में फर्जीवाड़े का दिन पर दिन खुलासा हो रहा है। बाबुओं की मिलीभगत से प्रियदर्शनी कॉलोनी में चार भूखंडों को फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेच दिया गया। यहां तक कि एक भूखंड का नक्शा भी प्राधिकरण से पास करा लिया था जिसे एलडीए ने निरस्त कर दो बाबुओं सहित कुल नौ लोगों के खिलाफ गोमती नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। इनमें से एक बाबू निलंबित चल रहा है वहीं दूसरा सेवानिवृत्त हो चुका है। एलडीए अब इन भूखंडों पर कब्जा वापस लेने की तैयारी कर रहा है।

मामला प्रियदर्शनी कालोनी के सेक्टर सी स्थित भूखंड संख्या 1/55, 1/56, 1/69 और 1/70 का है। इन भूखंडों के हाईटेंशन लाइन की जद में आने से एलडीए ने इन्हें किसी को भी आवंटित नहीं किया था। कुछ महीने पहले जब हाईटेंशन लाइन हट गयी तो एलडीए को भूखंडों की सुध आयी लेकिन इससे पहले ही जालसाजों की इन भूखंडों पर नजर पड़ गयी। जालसाजों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर चारों भूखंड बेच डाले। शिकायत मिलने के बाद सचिव के निर्देश पर जब प्रकरण की जांच करायी गयी तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।

1250 वर्ग फिट के इन चारों भूखंडों की कीमत लगभग तीन करोड़ से ज्यादा है। सचिव, लखनऊ विकास प्राधिकरण पवन कुमार गंगवार ने बताया भूखंडों की जांच में यह खुलासा हुआ कि एलडीए के दो कनिष्ठ लिपिक अजय प्रताप वर्मा और श्रीकृष्ण ने जालसाजों की मदद से चारों भूखंड अपनी आईडी का इस्तेमाल कर एलडीए के आनलाइन रिकार्ड में जालसाजों के नाम दर्ज कर दिया था। कुछ महीने पहले ही भूखंड संख्या 1/56 का एलडीए से नक्शा भी पास कराकर निर्माण भी शुरू करा दिया था।

तीन भूखंडों में श्रीकृष्ण व एक में अजय वर्मा का आया नाम

एलडीए की जांच में सामने आया कि भूखंड संख्या 1/55, 1/69 व 1/70 को 31 फरवरी में सेवानिवृत्त हुए श्रीकृष्‍ण की कंप्‍यूटर आइडी से एलडीए के रिकॉर्ड में फर्जी मालिकों के नाम चढ़ाए गए। इस काम को पिछले साल मार्च में अंजाम दिया गया। इससे पहले जनवरी 2018 में अजय प्रताप वर्मा की आइडी से प्‍लॉट संख्‍या 1/56 पर एलडीए के रिकॉर्ड में अमर सिंह का नाम दर्ज किया गया। इसी को आधार बनाते हुए शुक्रवार को एलडीए ने श्रीकृष्‍ण पर तीन और अजय प्रताप वर्मा पर एक मुकदमा दर्ज कराया है।

इन पर हुई एफआईआर

प्‍लॉटों की फर्जी तरीके से खरीद और बिक्री में शामिल अमर सिंह, देवेश नारायण त्रिपाठी, राजेश कुमार तिवारी, अजय कुमार गुप्‍ता, धनश्‍याम वर्मा, रारायण प्रसाद यादव व रधुराम सिंह के अलावा एलडीए के बाबू श्रीकृष्‍ण व अजय प्रताप वर्मा के खिलाफ आइपीसी की धारा 419, 420, 467, 468 व 471 के तहत अनुभाग अधिकारी अशोक कुमार सिंह की तहरीर पर गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गयी।

इनको बेच दिए भूखंड

जांच में पता चला कि प्‍लॉट संख्‍या 1/55 को फर्जी रजिस्‍ट्री के जरिए राजेश कुमार तिवारी ने अजय कुमार गुप्ता को फरवरी 2020 में, 1/56 को अमर सिंह ने नवंबर 2020 में देवेश नारायण त्रिपाठी को, 1/69 को धनश्याम कुमार वर्मा ने रामायण प्रसाद यादव को सितंबर 2020 में ही बेच दिया था। भूखंड संख्‍या 1/70 को रधुराज सिंह ने अपने नाम करा लिया था। तीन प्‍लॉटों पर फर्जी मालिक ने बाउंड्री वॉल भी उठा ली थी और चौथे भूखंड पर निर्माण कार्य चल रहा था।

एफआईआर की कार्रवाई के बाद प्राधिकरण इन भूखंडों पर कब्जा वापस लेगा। प्राधिकरण में फर्जीवाड़े के मामलों पर आगे भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भूखंड खरीदते समय जनता को भी सावधानी बरतनी चाहिए। फर्जीवाड़े से बचने के लिए आवंटन पत्र से लेकर रजिस्ट्री की संबंधित विभाग से पड़ताल अवश्य करें…पवन कुमार गंगवार,​सचिव, लखनऊ विकास प्राधिकरण।

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