ब्रिक्स देशों ने कहा- अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी अन्य देश के खिलाफ हमले के लिए नहीं किया जाना चाहिए
काबुल। अफगानिस्तान संकट के बीच आज ब्रिक्स की बैठक हुई. पीएम मोदी ने शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हमने ब्रिक्स आतंकवाद-रोधी कार्य योजना अपनाई है. डिजिटल माध्यम से इस बैठक में ब्राजील के राष्ट्रपति जाइर बोलसोनारो, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा उपस्थित थे.
ब्रिक्स देशों की तरफ से जारी साझा बयान में कहा गया है कि हम अफगानिस्तान में ताजा घटनाओं पर चिंता के साथ नजर रखे हुए हैं. हम समग्र अंतर अफगान वार्ता की आवश्यकता पर जोर देते हैं ताकि स्थिरता, शांति, कानून-व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके. ब्रिक्स ने कहा कि हमने हिंसा से दूर रहने और हालात को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने का आह्वान किया है.
ब्रिक्स ने कहा कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी अन्य देश के खिलाफ हमले करने और मादक पदार्थ की तस्करी के लिए नहीं किया जाना चाहिए. आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़ी निंदा करते हैं, चाहे वह कभी भी, कहीं भी और किसी के द्वारा किया गया हो. हम मानवीय स्थिति पर ध्यान देने और अल्पसंख्यकों समेत सभी के मानवाधिकारों के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर देते हैं.
ब्रिक्स ने कहा कि हम आतंकवाद से निपटने और आतंकवाद के लिए अनुकूल कट्टरपंथ का मुकाबला करने के संबंध में दोहरे मानकों को खारिज करते हैं. ध्यान रहे कि 15 अगस्त को अफगानिस्तान ने पंजशीर को छोड़कर पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद सात सितंबर को तालिबान ने अंतरिम सरकार की घोषणा की है. बता दें कि ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देश हर साल शिखर सम्मेलन आयोजित करते हैं और बारी-बारी से इसकी अध्यक्षता करते हैं. भारत इस साल के लिए ब्रिक्स का अध्यक्ष है.