यूपी: जुलाई में हुए नरेंद्र गिरि के एक्सीडेंट की जांच भी करेगी सीबीआई, जानें क्यों?
लखनऊ। महंत नरेन्द्र गिरि संदिग्ध्त मौत मामले में सात दिनों के लिए आरोपियों की रिमांड अवधि के समाप्त होने के बाद सीबीआई न्यायालय से रिमांड अवधि बढ़ाने की अर्जी लगा सकती है। इन सात दिनों सीबीआई आरोपियों से कुछ खास उगलवा नहीं पाई है और न ही कोई ठोस सबूत हाथ लगा है। बावजूद इसके सीबीआई ने आरोपी संदीप तिवारी की पत्नी से पूछताछ की है पर कुछ खास हाथ नहीं लगा है। उधर सीबीआई उन सभी पहलुओं पर ठोस जानकारी जुटाने में लगी है जिनका जिक्र सुसाइड नोट में किया गया है। जिसमें महंत गिरि ने सीडी व वीडियों की बात कही थी।
सीबीआई उस वीडियो के बारे में सत्यता की जांच कर रही है। इसके अलावा कई संदिग्धों के मोबाइल नंबरों को रडार पर लेकर काल डिटेल खंगाली जा रही है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में उनको आत्महत्या के लिए उकसाने के आराेपित आनंद गिरि के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी व उसके बेटे संदीप तिवारी को भी आरोपी बनाया गया है।
इन तीनो में बीते सात दिनों से पूछताछ चल रही थी। सीबीआई ने तीनों को आमने सामने कराने के बाद कुछ खास राज हासिल नहीं कर पाई। जिसके चलते अब सीबीआई कोर्ट में अजी देकर रिमांड बढ़वाने की जुगत में है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन तीनों का नार्को टेस्ट भी कराने की तैयारी चल रही है। साथ ही इनसे जुडे़ उन सवा सौ से अधिक लोगों से भी पूछताछ होगी। जिनका कहीं न कहीं महंत नरेन्द्र गिरि और उनके शिष्य रहे आनंद गिरि, पुजारी आद्या तिवारी और संदीप तिवारी के संपर्क लोग का भी डाटा खंगाल रही है।
महंत नरेन्द्र गिरि के सड़क हादसे की करेगी जांच
सीबीआई महंत नरेन्द्र गिरि के जुलाई में सड़क हादसे की जांच करेगी। जब वह जुलाई में लखनऊ सीएम से मिलने के लिए आखड़ा परिषद के महामंत्री हरिगिरि के साथ आ रहे थे। इस भीषण हादसे में वह बाल बाल बच गए थे। इस हादसे की भी सीबीआई जांच कर रही है। सीबीआई सूत्रों के अनुसार शनिवार को हादसे वाली गाड़ी की जांच कराने की बात सामने आई है। आखिर दुघर्टना भी साजिश का हिस्सा तो नहीं था। इसको लेकर भी सीबीआई की अपनी तफ्तीश् में शामिल कर सकती है।