सतरिख रोड ट्रांसमिशन उपकेंद्र से एक लाख आबादी को मिलेगी बिजली

लखनऊ। यूपी पावर ट्रांसमिशन ने जीआईएस आधारित सतरिख रोड ट्रांसमिशन उपकेंद्र का निर्माण कराया है। इससे शिवपुरी, यूपीएसआईडीसी, कमता व लौलाई सहित छह उपकेंद्रों को बिजली सप्लाई मिलेगी।शहर की लगभग एक लाख आबादी को जल्द बिजली संकट से राहत मिलेगी। प्रबंध निदेशक, मध्यांचल निगम सूर्यपाल गंगवार के मुताबिक चिनहट, कमता सहित अयोध्या रोड से जुड़े इलाकों को बेहतर बिजली सप्लाई के लिए सतरिख रोड ट्रांसमिशन उपकेंद्र का निर्माण कराया गया है। इससे छह उपकेंद्रों को बिजली सप्लाई मिलेगी।

पावर ट्रांसमिशन के अधिशासी अभियंता पंकज कौशिश ने बताया कि लौलाई व चिनहट उपकेंद्र को एक ट्रांसमिशन उपकेंद्र से बिजली सप्लाई मिलती है, जिससे अंडरग्राउंड केबल फाल्ट व ब्रेकडाउन होने पर उपकेंद्र ठप हो जाता है। नतीजतन एक बड़ी आबादी को घंटों बिजली संकट झेलना पड़ता था। उन्होंने बताया कि सतरिख रोड ट्रांसमिशन सबस्टेशन से आधा दर्जन उपकेंद्रों को डबल सोर्स से बिजली सप्लाई मिलेगी। उम्मीद है कि दिसम्बर के पहले सप्ताह तक उपकेंद्र को चालू कर दिया जाएगा।

यूपी पावर ट्रांसमिशन सतरिख रोड ट्रांसमिशन गैस इंसुलेटेड सबस्टेशन (जीआईएस) बनाया है। जीआईएस उपकेंद्र में 120 एमवीए क्षमता होगी। इसमें 60 एमवीए का पावर ट्रांसफार्मर लगाया जा चुका है। इसके साथ ही 60 एमवीए का एक और पावर ट्रांसफार्मर लगाया जाएगा, जिसके बाद उपकेंद्र को चालू कर दिया जाएगा। पावर ट्रांसमिशन के अधिकारियों के मुताबिक सतरिख रोड ट्रांसमिशन उपकेंद्र के निर्माण में करीब 72.50 करोड़ रुपये की लागत आई है।

जिसे बाराबंकी व सीजी सिटी ट्रांसमिशन उपकेंद्र से बिजली सप्लाई मिलेगी। इससे चिनहट, मटियारी, गोमतीनगर विस्तार सेक्टर-एक, पांच सहित कई इलाकों को लो-वोल्टेज व बिजली कटौती से निजात मिलेगी।गैस आधारित सब स्टेशन में ट्रांसफार्मर बाहर होते हैं, जबकि बाकी सभी उपकरण एक मेटल बॉक्स में बंद होते हैं, जिसमें गैस भरी जाती है। इसका कंट्रोल पैनल एक बड़े हॉल के बजाय छोटे कमरे में होता है। यही नहीं, ओवरलोडिंग न होने से ट्रांसफॉर्मर गर्म भी नहीं होते। इससे ट्रिपिंग की समस्या नहीं होती।

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