पीएम सदन में नहीं आते, ये लोकतंत्र चलाने का तरीका नहीं: राहुल गांधी
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज संसद परिसर में 12 राज्यसभा सांसदों के निलंबन के विरोध में शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि जहां भी विपक्ष ने अपनी आवाज उठाई है, वहां सांसदों को निलंबित कर दिया जाता है। जिस मुद्दे पर हम बहस करना चाहते हैं उनकी अनुमति नहीं दी जाती। तीन-चार मुद्दे हैं, जिनके नाम तक नहीं लिए जाते। प्रधानमंत्री सदन में 13 दिनों से नहीं आए हैं। ये कोई तरीका नहीं है लोकतंत्र चलाने का। हम यहां प्रदर्शन कर रहे हैं ये सिंबल है लोकतंत्र का। निलंबित सांसदों की आवाज दबाई गई और वे इसके खिलाफ संसद के बाहर प्रदर्शन में बैठे हैं। हमें संसद में राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर अपनी आवाज नहीं उठाने दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हंगामे के बीच संसद में लगातार बिल पास हो रहे हैं। यह संसद चलाने का तरीका नहीं है। यह लोकतंत्र की दुर्भाग्यपूर्ण हत्या है।
राज्यसभा में सांसदों के निलंबन के खिलाफ आज विपक्षी दलों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान विपक्षी पार्टियों ने मार्च निकाला, जिसमें राहुल गांधी भी शामिल थे। विपक्षी दलों ने गांधी प्रतिमा से विजय चौक तक मार्च निकाला। इस दौरान मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। वहीं 12 विपक्षी सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग को लेकर विपक्ष की नारेबाजी के बाद राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पिछले सत्र में जो हुआ उसे इस सत्र में उठाया गया,जबकि इस सत्र में इसका कोई ताल्लुक नहीं है। सदन के अंदर हम पिकनिक करने नहीं आते हैं,सदन में हम आम लोगों का मुद्दा उठाने के लिए आते हैं। अरुण जेटली ने भी कहा था कि सदन को भंग करना भी लोकतंत्र का एक औजार है।
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि राहुल गांधी को अपने अंदर झांकना चाहिए, पता चलेगा कि उनके अंदर क्या-क्या कमियां हैं। आपको क्या करना चाहिए, क्या ट्यूशन लेना चाहिए। उससे कांग्रेस का भी भला होगा, आपका और आपके परिवार को भी भला होगा।



