यूपी सरकार ने पांचवां और छठवां वेतनमान पाने वालों का भी बढ़ाया डीए
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार राज्य कर्मचारियों को लगातार तोहफे दे रही है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसी क्रम में एक और बड़ा फैसला किया है। प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों, सहायताप्राप्त व प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, शहरी स्थानीय निकायों के नियमित व पूर्णकालिक कर्मचारियों तथा यूजीसी वेतनमानों में कार्यरत ऐसे पदधारक जिन्हें अभी छठवां और पांचवां वेतनमान मिल रहा है, पहली जुलाई से उनका महंगाई भत्ता (डीए) भी बढ़ा दिया है। वित्त विभाग ने इस बारे में सोमवार को शासनादेश जारी कर दिए हैं।छठवां वेतनमान पाने वाले कर्मचरियों को पहली जुलाई से दिये जाने वाले डीए की दर वेतन तथा महंगाई वेतन के योग का 368 प्रतिशत होगी। वहीं पांचवां वेतनमान पाने वाले कर्मचारियों को मूल वेतन का 196 प्रतिशत डीए मिलेगा। कर्मचारियों को बढ़े डीए का नकद भुगतान दिसंबर के वेतन के साथ किया जाएगा जबकि एरियर जीपीएफ खाते में जमा होगा। अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों को भी पहली जुलाई से 31 फीसद की बढ़ी दर से डीए देने का शासनादेश भी वित्त विभाग ने सोमवार को जारी किया।प्रदेश सरकार नगरीय निकायों एवं जल संस्थानों के संविदा एवं वर्कचार्ज कर्मचारियों को नियमित करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सभी नगरीय निकायों और जल संस्थानों से ऐसे कर्मचारियों की संख्या के साथ ही रिक्त एवं भरे हुए पदों का ब्योरा मांगा गया है। साथ ही निकायों से पद सृजित करने के भी प्रस्ताव मांगे गए हैं। प्रदेश में दरअसल, नगरीय निकायों में लंबे समय से समूह ‘ग’ व ‘घ’ के पदों पर भर्तियां नहीं हुई हैं। पुराने कर्मचारियों के सेवानिवृत होने से हर साल दर्जनों पद खाली होते चले गए। काम चलाने के लिए समय-समय पर विभिन्न पदों पर संविदा एवं वर्कचार्ज कर्मचारियों की नियुक्तियां होती रहीं। इस कारण निकायों एवं जल संस्थान में संविदा और वर्कचार्ज वाले कर्मचारियों की संख्या लगातार बढ़ती गई। इस स्थिति को देखते हुए नगरीय निकायों के कर्मचारी संगठन लगातार कई वर्ष से संविदा पर तैनात कर्मचारियों को नियमित करने की मांग करते आ रहे हैं। इस मुद्दे पर शासन के अधिकारियों और कर्मचारी संगठनों के बीच कई बार सहमति भी बन चुकी है। पिछले दिनों हुई बैठक में तय हुआ कि 31 दिसंबर, 2001 तक संविदा व वर्कचार्ज और दैनिक वेतन के आधार पर नियुक्त सभी कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा।