वैचारिक दायरा बढ़ाने को हिंदी वालों को अन्य भारतीय भाषाएं भी सीखनी-जाननी चाहिए : आरिफ मोहम्मद खान

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राजभवन में किया साहित्यिक पत्रिका रचना उत्सव के केरल साहित्य विशेषांक का विमोचन

प्रयागराज। प्रयागराज से विगत पंद्रह वर्षों से प्रकाशित हो रही साहित्यिक पत्रिका रचना उत्सव के केरल साहित्य, कला-संस्कृति विशेषांक का विमोचन समारोह केरल राजभवन तिरुवनंतपुरम में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर केरल के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्य अतिथि के रूप में विशेषांक का विमोचन किया। समारोह में केरल के अनेक साहित्यकार और रचनाकार मौजूद थे।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान ने हिंदी और मलयालम भाषा के समन्वय पर जोर दिया। कहां कि दोनों भाषाओं के लेखक और रचनाकार तब और बेहतर लेखन कर सकते हैं जब दोनों को इन भाषाओं की समझ अच्छी हो। इससे दोनों भाषा भाषियों के बीच आत्मीयता और बढ़ेगी। श्री खान ने कहा कि हिंदी भाषियों को अन्य भाषाएं भी सीखनी चाहिए। इससे उनका वैचारिक दायरा और बढ़ेगा।
हिंदी और मलयालम भाषा में अनेक उत्कृष्ट पुस्तकें लिखने वाले और कई साहित्यिक पुरस्कार से सम्मानित डॉ. के.सी. अजय कुमार ने कहा कि हिंदी भाषी तब और बेहतर साहित्य रच सकते हैं जब उन्हें दक्षिण भारतीय भाषाओं का भी ज्ञान हो। इसके GB लिए शासन स्तर से प्रयास होने चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार व लेखक श्री रतिभान त्रिपाठी ने इस अवसर पर भारतीय भाषाओं में समन्वय स्थापित करने और हिंदी भाषियों के अन्य भारतीय भाषाओं को पढ़ने-पढ़ाने वह पाठ्यक्रम में शामिल करने पर जोर दिया।
इससे पहले रचना उत्सव की संपादक सुश्री अमृता त्रिपाठी और पत्रिका की केरल राज्य की कोआर्डिनेटर डॉ. शीला गौरभि ने राज्यपाल श्री खान का स्वागत किया। विमोचन समारोह में श्रीमती मिथिलेश कुमारी ने मुख्य अतिथि समेत सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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