भारतीय नस्ल की गायों की सुरक्षा की है आज जरूरत: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

मथुरा । श्रीकृष्ण बलराम मंदिर के लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन की शुरूआत हरेकृष्ण महामंत्र से की। वे बोले, गुरुकुल आकर अच्छा लगा। यहां कण- कण में भगवान बांकेबिहारी का वास है। ये बड़ी उपलब्धि है कि कृष्ण बलराम मंदिर के साथ साथ डेयरी प्लांट का भी उदघाटन हुआ है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इस्कॉन की स्थापना प्रभुपाद ने की थी। वे सन्यासी थे। हरे कृष्ण मूवमेंट से सनातन संस्कृति का प्रचार किया। अपने गुरु के आदेश पर दुनिया में कृष्ण भक्ति आंदोलन को फैलाया। श्रीमद्भागवत गीता और श्रीकृष्ण की लीला, उनकी भक्ति का प्रचार किया। आज करोड़ाें अनुयायी भक्ति की बड़ी ताकत से जुड़े हैं। प्रभुपाद ने 108 मंदिर बनाए थे और आज हजारों मंदिर बने हैं। ये मंदिर दुनिया भर में श्रीकृष्ण की भक्ति का प्रचर प्रासार कर रहे हैं। मंदिर में कृष्ण बलराम की प्रतिमा के साथ दुग्ध प्लांट है। उन्नत गोवंश गोशाला में मौजूद हैं। हमे भारतीय नस्ल की उन्नत गोवंश के लिए कार्य करना है। वेटेरिनरी विवि में ये काम हो रहा है। आज गाय निराश्रित सड़कों पर घूमती हैं। कई बार ये दंगों का कारण बनती हैं। सरकार ने अनेक योजना चलाई हैं। 9 लाख से अधिक गोवंश की देखभाल सरकार कर रही है। भारतीय नस्ल के गोवंश सुरक्षित रहें इसके प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्रज की धरती भगवान के अवतार की धरती है। यहां से संतों ने वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई। हमारा दायित्व है कि ये धरती भगवान की लीला भूमि के साथ गोसेवा की भूमि भी बने। भारतीय नस्ल के गोवंश से न केवल दुग्ध पदार्थ बल्कि सीएनजी भी बन रही है। बदायूं में पेंट बन रहा है। इस काम को आगे बढ़ाने की जरूरत है। प्राकृतिक कृषि को प्रधानता देनी होगी। उन्होंने कहा कि सुशासन के कारण आज जवाहरण बाग की सूरत बदल चुकी है। कार्यक्रम में अपने संबोधन की शुरूआत सांसद हेमामालिनी ने राधे राधे और हरे कृष्ण महामंत्र के जाप के साथ की। सांसद ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाया है।भारत का नया निर्माण हो रहा है। महिला सुरक्षा और गरीबों के हित के लिए कार्य हो रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सनातन संस्कृति की स्थापना में बहुत योगदान दिया है। मथुरा- वृंदावन में विकास हो रहा है। जल्द ही यमुना शुद्धिकरण का काम शुरू होगा। उन्होंने आगे कहा कि इस्कॉन से मेरा 30 से अधिक साल का नाता है। इस्कॉन के भक्तों ने ही ब्रज का पहली बार दर्शन करवाया और लीलाओं की जानकारी दी। नृत्य प्रस्तुतियों में मैं श्रीकृष्ण की लीलाओं को अभिनय के रूप में उतारने की कोशिश करती हूं।

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