Ayodhya- मुख्यमंत्री नेअयोध्या में किया 43वें रामायण मेला का शुभारंभ

Ayodhya- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामायण मेला समिति द्वारा आयोजित 43वें रामायण मेला का गुरुवार को रामकथा पार्क में शुभारंभ किया। इस दौरान सीएम ने पुस्तिका का विमोचन भी किया। सीएम ने रामायण मेला समिति को आश्वस्त किया कि अयोध्या में कुछ नया लेकर आइए, सरकार सदा आपके साथ है। उन्होंने रामायण पर शोध की आवश्यकता पर बल दिया। सीएम ने कहा कि अयोध्या धाम को पुरातन गौरव प्राप्त हो। इसके लिए सरकार नित कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कि 500 वर्ष पहले बाबर के सिपहसालार ने अयोध्या, संभल में जो कृत्य किया था और जो काम आज बांग्लादेश में हो रहा है, तीनों की प्रकृति-डीएनए एक जैसा है। कोई मानता है कि यह बांग्लादेश में हो रहा है तो गलतफहमी में न रहे। यहां भी बांटने वाले तत्व पहले से खड़े हैं। वे सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न और सामाजिक एकता को तोड़कर, आपको बांटकर फिर काटने व कटवाने का इंतजाम भी कर रहे हैं। बांटने वाले बहुत सारे लोग ऐसे हैं, जिन्होंने दुनिया के कई देशों में प्रॉपर्टी खरीद रखी है। य़हां संकट आएगा तो वे वहां भाग जाएंगे और मरने वाले मरते रहेंगे, लेकिन हम प्रभु के आदर्शों से प्रेरणा लेकर उसके अनुरूप खुद को तैयार करते हुए पीएम मोदी के ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के निर्माण में योगदान देंगे।

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हमने जोड़ने को महत्व दिया होता तो तोड़ने वालों की रणनीति सफल नहीं होती

सीएम योगी ने कहा कि भगवान राम ने पूरे भारत व समाज को जोड़ने का कार्य किया। जोड़ने के कार्य को हमने महत्व दिया होता और सामाजिक विद्वेष-समाज को तोड़ने की दुश्मनों की रणनीति को सफल नहीं होने देते तो देश कभी गुलाम नहीं होता और न ही तीर्थ अपवित्र होते। मुठ्ठी भर आक्रांताओं को भारत के वीर योद्धा रौंद डालते, लेकिन आपसी एकता में बाधा पैदा करने वाले सफल रहे। उन्हीं के जींस आज भी जाति के नाम पर राजनीति करने वाले सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करने का प्रयास कर रहे हैं।

सीएम योगी ने कहा कि यह रामायण मेला 1982 में प्रारंभ हुआ। इससे पहले समाजवादी चिंतक डॉ. राम मनोहर लोहिया ने अलग-अलग क्षेत्रों में रामायण मेला, रामायण उत्सव के कार्यक्रम प्रारंभ कराए। उनसे एक पत्रकार ने पूछा कि इतनी विषमता के बावजूद भारत एक कैसे है, तब उन्होंने कहा कि मैं मंदिर नहीं जाता, लेकिन दृढ़ विश्वास है कि जब तक भारत की आस्था तीन आराध्य देव (श्रीराम, श्रीकृष्ण व भगवान शिव) के प्रति बनी रहेगी, तब तक इसका कोई बालबांका नहीं कर पाएगा। इसकी एकता-अखंडता को कोई चुनौती नहीं दे पाएगा। भारत-भारत बना रहेगा।

इस अवसर पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अध्यक्ष एवं मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत व रामायण मेला समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष महंत कमलनयन दास महाराज, जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य महाराज, जगद्गुरु स्वामी राघवाचार्य महाराज, बड़े भक्तमाल मंदिर के महंत अवधेश कुमार दास महाराज, पूर्व सांसद डॉ. रामविलास वेदांती, सुनीता शास्त्री, कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, विधायक वेदप्रकाश गुप्त, कमलेश सिंह, नागा रामलखन दास, समिति संयोजक आशीष मिश्र आदि मौजूद रहे। समारोह का संचालन डॉ. जनार्दन उपाध्याय ने किया।

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