West Bengal: “भागते नहीं तो मारे जाते…” — मुर्शिदाबाद में दहशत, सड़कों पर सन्नाटा, सैकड़ों लोगों का पलायन
West Bengal: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हालिया सांप्रदायिक हिंसा के बाद भय और असुरक्षा का माहौल गहराता जा रहा है। धुलियान, शमशेरगंज और सुती जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में सन्नाटा पसरा है। दुकानें बंद हैं, सड़कों पर सन्नाटा है और लोग अपने घरों में कैद रहने को मजबूर हैं। हालात काबू में रखने के लिए पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र बल लगातार गश्त कर रहे हैं।
इस बीच, हिंसा से प्रभावित सैकड़ों लोग जिले को छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। कई परिवारों के घर जला दिए गए, तो कई जान बचाकर भागीरथी नदी पार कर मालदा में शरण लेने पर मजबूर हुए। प्रशासन ने विस्थापितों के लिए राहत शिविर, भोजन और अस्थायी आवास की व्यवस्था की है। नदी किनारे स्वयंसेवक नावों से आने वालों की सहायता कर रहे हैं।
“घर जलाए, महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार…” — प्रत्यक्षदर्शियों की पीड़ा
वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ शुरू हुए विरोध-प्रदर्शन कई मुस्लिम बहुल इलाकों में हिंसक रूप ले बैठे। सुती, जंगीपुर और धुलियान जैसे इलाकों में हिंसा के दृश्य दिल दहला देने वाले हैं — जलते हुए घर, लूटपाट और भगदड़।
एक युवती, जो अपने परिवार के साथ जान बचाकर भागी, बताती है, “हमने घर छोड़ दिया क्योंकि हमारे घर में आग लगा दी गई थी। महिलाओं और लड़कियों के साथ छेड़छाड़ हुई। हम पर आरोप लगाया गया कि हम इस कानून के लिए जिम्मेदार हैं। धमकी मिली कि अगर घर नहीं छोड़ा, तो जान से मार दिए जाओगे।”
एक बुज़ुर्ग महिला की आँखों में डर अब भी ताज़ा है: “हमने हाथ जोड़कर माफ़ी माँगी, फिर भी हमलावरों ने नहीं बख्शा। मेरा बेटा, बहू और पोता जैसे-तैसे भाग निकले — अगर रुकते, तो ज़िंदा नहीं बचते।”
“ममता सरकार दोषी” — भाजपा का आरोप
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की नाकामी के कारण हिंसा फैली और हिंदू परिवारों को निशाना बनाया गया। “मुर्शिदाबाद, जो कभी शांति का प्रतीक था, आज आतंक और खूनखराबे का इलाका बन गया है। महिलाएं, बच्चे जान बचाकर नावों से वैष्णवनगर के गांवों में पनाह ले रहे हैं। यह ममता बनर्जी की विफल शासन व्यवस्था का परिणाम है।”
“मेरी दुकान लूटी, सिर्फ हिंदुओं को निशाना बनाया गया”
एक दुकानदार ने भावुक स्वर में कहा, “मेरी दुकान में लाखों का सामान था। प्रदर्शन के दौरान दो बार पुलिस को कॉल किया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। चार घंटे तक लगातार हमला होता रहा। मेरी दुकान को लूटा गया, घर का दरवाज़ा तोड़कर अंदर घुसे। मुस्लिम दुकानों को कुछ नहीं हुआ, लेकिन हमारी दुकानों को चुन-चुन कर निशाना बनाया गया।”
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“400 लोग पलायन को मजबूर हुए” — शुभेंदु अधिकारी
विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि “धुलियान से 400 से अधिक हिंदू परिवार धार्मिक कट्टरपंथियों के भय से पलायन कर चुके हैं।” उन्होंने राज्य सरकार पर तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा, “हमारे ही लोग अपनी ज़मीन पर सुरक्षित नहीं हैं। राज्य सरकार की निष्क्रियता शर्मनाक है।” उन्होंने प्रशासन से विस्थापितों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने की मांग की।