Up News- बाढ़ से प्रभावी ढंग से निपटने हेतु स्टीयरिंग ग्रुप कमेटी की हुई बैठक
बाढ़ बचाव की तैयारियो के मद्देनजर संपूर्ण तैयारियों को पहले से कर लें पूर्ण:- डीएम
Up News- जिला संवाददाता कुशीनगर जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में बाढ़ से प्रभावी ढंग से निपटने हेतु स्टीयरिंग कमेटी की बैठक संपन्न हुई। अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड द्वारा संवेदनशील , अतिसंवेदनशील तटबंधों अहिरौली दान पिपराघाट बांध, नरवाजोत बांध, पिपरा घाट मार्ग, अमवाखास बांध, छितौनी बांध तटबंधो के बारे में जानकारी दी गई। जिलाधिकारी द्वारा वर्ष 2025 में सम्भावित बाढ़ से बचाव हेतु की जा रही तैयारियों, तथा पिछले वर्ष हुए प्रभावित ग्रामों तटबंधों के बारे में अधिशासी बाढ़ खण्ड एवं आपदा एक्सपर्ट रवि राय से जानकारी प्राप्त किया गया। जिसके क्रम में बताया गया कि यहाँ प्रमुख नदियाँ- (बड़ी गंडक नदी-110 किमी) (छोटी गंडक नदी-250 किमी) (बॉसी नदी-54 किमी) है। जनपद में वर्ष-2024 में कुल प्रभावित ग्रामों की संख्या-44 है जिसमें खड्डा में -22 ,तमकुहीराज 10, कप्तानगंज-12 (मौन नाला) ग्राम प्रभावित हुए थे। बाढ चौकी-08 है जिसमें (खड्डा-06, तमकुहीराज में -02 , राहत शिविर-16 चिन्हित है जिसमें सक्रिय-16 (खड्डा-06, तमकुहीराज-10 थे। नाव की सं0-137 (बड़ी-34, मझोली-47, छोटी-56)
गोताखोरों की संख्या-56 है। खोज बचाव के उपकरण-मेगा फोन-115, लाइफजैकेट-115 फोल्डेबुल स्ट्रेचर-115, आस्कालाईट-01 उपलब्ध तहसील में है। कन्ट्रोल रुम न0-05564-240590, 9454418282 टोल फ्री0न0-1077 है।
बैठक दौरान जिलाधिकारी द्वारा बारी-बारी से बाढ़ खंड, सिंचाई विभाग, जिला पूर्ति विभाग, चिकित्सा विभाग, पशुपालन विभाग ,पंचायती राज, कृषि विभाग, विद्युत विभाग, लोक निर्माण विभाग तथा शिक्षा विभाग के द्वारा बाढ़ के दौरान किए जाने वाले संपूर्ण तैयारियों एवं अन्य कार्यों तथा उनके दायित्वों के बारे में विस्तृत जानकारी दिया गया। जिलाधिकारी ने पिछले साल छोड़े जाने वाले बैराज से पानी की मात्रा तथा विभिन्न परीक्षेत्रों में पड़ने वाले ड्रेनो के साफ-सफाई के बारे में पूछताछ की। बैठक दौरान जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में तथा विभिन्न परीक्षेत्रों में पड़ने वाले ड्रेनेज की साफ सफाई पहले ही करा ली जाए जिससे की जल जमाव (वाटर लॉगिंग) की समस्या न आए तथा सिल्ट की साफ सफाई की उचित व्यवस्था करें । इसका सत्यापन भी करा लें। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के अंतर्गत भी कार्य कराए जाए। कहा कि बाढ़ बचाव के दृष्टिगत जो भी कार्य कराए उसकी गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें सभी प्रकार के कराए जाने वाले निर्माण कार्यों की गुणवत्ता मानक के अनुरूप रहनी चाहिए।कहा कि बाढ़ बचाव के दृष्टिगत आवश्यक वस्तुएं भी क्रय करने हेतु सभी टेंडर्स की प्रक्रिया 15 जून से पूर्व ही पूर्ण कर लें। जिलाधिकारी ने मुख्य सीवीओ तथा चिकित्सा विभाग के अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि बाढ़ के कारण उत्पन्न होने वाली बीमारियों, संक्रामक रोगों, सर्पदंश आदि के बचाव हेतु सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर एंटीवेनम दवाएं, सेनेटरी पैड तथा , गर्भवती महिलाओं का सर्वे, वैक्सीन की उपलब्धता भी अवश्य रहे।
जिलाधिकारी ने बाढ़ खण्ड के अधिकारियों को निर्देशित कि बाढ़ के दृष्टिगत बाढ़ नियंत्रण कक्ष,जर्जर तटबन्धों की मरम्मत रेनकट, रेटहोल शाहीमांद सिपेज आदि की मरम्मत कर ली जाए। संवेदनशील अतिसंवेदनशील तटबन्धों की निगरानी-बाढ़ सुरक्षा समिति का गठन कर लिया जाए।तटबन्धों की सुरक्षा हेतु आवश्यक संसाधनो की व्यवस्था कर ली जाए। जिला पूर्ति अधिकारी बाढ़ के दृष्टिगत आवश्यक वस्तुएं जैसे खाद्यान्न राहत सामग्री की आपूर्ती हेतु ई-टेण्डर पूर्व में ही सुनिश्चित कर लें। बाढ़ के कारण उत्पन्न बीमारियों / संक्रामक रोगों / सर्पदंश आदि के बचाव हेतु समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध संसाधनों / दवाओं/वैक्सीन की उपलब्धता , क्लोरिन की गोली की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में रहें।
भूसा टेण्डर चारे की व्यवस्था भी पूर्व से पूर्ण रहे।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी गुंजन द्विवेदी, अपर जिलाधिकारी पी के राय अधिशासी अभियंता बाढ़ खण्ड महेश कुमार सिंह, उप जिलाधिकारी तमकुहीराज ऋषभ पुंडीर, जिला गन्ना अधिकारी डी के सैनी, पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता ,खंड विकास अधिकारी गण, अवर अभियंता, अधिकारी गण, नगर पालिका तथा नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी गण तहसीलदार गण, आपदा एक्सपर्ट रवि राय तथा जनपद स्तरीय अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।