Haryana: फरीदाबाद में बुजुर्ग को 36 घंटे रखा “डिजिटल अरेस्ट”, साइबर ठगों ने 16 लाख रुपये ठगे

Haryana: फरीदाबाद के सेक्टर-86 स्थित ओमेक्स हाइट्स सोसाइटी में रहने वाले 76 वर्षीय बुजुर्ग अशोक कुमार कश्यप साइबर ठगी का शिकार हो गए। ठगों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर उन्हें करीब 36 घंटे तक वीडियो कॉल पर “डिजिटल अरेस्ट” में रखा और इस दौरान उनसे कुल 16.44 लाख रुपये की ठगी कर ली।

कैसे रची गई ठगी की साजिश

पीड़ित अशोक कुमार ने साइबर थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनके दोनों बेटे पिछले 15 सालों से अमेरिका में रहते हैं और वे यहां अकेले रहते हैं। उनकी पत्नी का निधन 17 साल पहले हो चुका है और वे एक निजी कंपनी से रिटायर हो चुके हैं।

हाल ही में उनके फोन पर एक अनजान वॉट्सऐप कॉल आया। कॉलर ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया और कहा कि नरेश गोयल नामक व्यक्ति को 5,000 करोड़ रुपये के घोटाले में गिरफ्तार किया गया है, और पूछताछ में आपका नाम भी सामने आया है। उसने कहा कि आपके आधार और पैन कार्ड का उपयोग 6.5 करोड़ रुपये के घोटाले में हुआ है।

डर का माहौल बनाकर रखा “डिजिटल अरेस्ट” में

ठगों ने बुजुर्ग को धमकाया कि अगर वे सहयोग नहीं करेंगे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। डर के मारे अशोक कुमार ठगों के कहे अनुसार लगातार 36 घंटे तक वीडियो कॉल पर जुड़े रहे। इस दौरान फर्जी पुलिस अधिकारी, जज और अन्य लोग बनकर अलग-अलग लोग वीडियो कॉल पर आते रहे। इसी बीच ठगों ने उनके बैंक खातों की जानकारी ली और धीरे-धीरे करके कुल 16.44 लाख रुपये अपने खातों में ट्रांसफर करवा लिए।

पुलिस स्टेशन पहुंचने पर हुआ खुलासा

जब पूरी जमा पूंजी निकल चुकी थी, तब ठगों ने खुद कहा, “अब जाकर पुलिस को बता देना और जो करना है कर लेना।” किसी तरह हिम्मत जुटाकर अशोक कुमार खेड़ीपुल थाना पहुंचे और एक पुलिसकर्मी से फोन पर बात कराई। ठग ने पुलिसकर्मी से भी साफ कह दिया, “मैं पाकिस्तान से बोल रहा हूं, जो करना है कर लो।” इसके बाद पीड़ित ने साइबर थाना पहुंचकर पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई।

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जांच जारी

साइबर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल ठगों की पहचान और उनके बैंक खातों की जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस नागरिकों से अपील कर रही है कि किसी भी अनजान कॉल पर निजी जानकारी साझा न करें और ऐसे किसी भी डराने वाले कॉल से तुरंत पुलिस को सूचित करें।

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