Kolkata News-भाजपा की ‘तिरंगा यात्रा’ के जवाब में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की घोषणा, शनिवार और रविवार को पूरे राज्य में निकलेगी राष्ट्रवादी रैली
Kolkata News-पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी की ‘तिरंगा यात्रा’ के जवाब में राज्यव्यापी ‘राष्ट्रवादी रैली’ की घोषणा की है। यह आयोजन आगामी शनिवार और रविवार यानी 17 और 18 मई को दोपहर तीन बजे से पांच बजे तक प्रत्येक ब्लॉक, शहर और वार्ड स्तर पर आयोजित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को नवान्न में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है, यह हमारा सामाजिक कर्तव्य है। इस रैली का उद्देश्य है—शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देना और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करना।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह आयोजन किसी पार्टी विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि मातृभूमि के लिए बलिदान देने वालों के सम्मान में है।
तृणमूल कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष सुब्रत बख्शी ने जिलों, शहरों, ब्लॉकों और वार्डों की सभी इकाइयों को लिखित आदेश भेजकर इस कार्यक्रम को पूरी गंभीरता और अनुशासन के साथ आयोजित करने का निर्देश दिया है।
रैली का मुख्य संदेश होगा—देश के प्रति प्रेम, शहीदों के प्रति श्रद्धा और भारत के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की रक्षा। इसमें देशभक्ति गीत, बैनर, राष्ट्रीय ध्वज, नारे और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के ज़रिये एक भावनात्मक और देशभक्तिपूर्ण वातावरण तैयार किया जाएगा। यदि किसी इलाके में कोई शहीद परिवार हो, तो उन्हें भी विशेष रूप से कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह कदम सोच-समझकर उठाया है ताकि भारतीय जनता पार्टी के ‘देशभक्ति’ के नैरेटिव पर एकतरफा वर्चस्व न बन सके।
भाजपा की ‘तिरंगा यात्रा’ राज्य में 14 मई से शुरू हो चुकी है और इसका समापन 23 मई को होगा। इस बीच 16 मई को भाजपा नेता सुकांत मजूमदार और शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में कोलकाता में ‘तिरंगा यात्रा’ निकलने वाली है। ठीक इसके अगले दो दिन तृणमूल की यह राष्ट्रवादी रैली राजनीतिक रूप से सधा हुआ जवाब मानी जा रही है।
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तृणमूल कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि इस अभियान में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और राज्यभर में इसे शांति और अनुशासन के साथ सफल बनाया जाएगा। यह आयोजन जहां एक ओर शहीदों के प्रति सम्मान है, वहीं दूसरी ओर आगामी विधानसभा चुनाव से पहले एक रणनीतिक और राजनीतिक संदेश भी है।