GST Slab big changes: GST में ऐतिहासिक बदलाव की तैयारी, 12% स्लैब हटाने पर विचार

GST Slab big changes: प्रणाली को लागू हुए आठ साल पूरे हो चुके हैं और अब सरकार इसमें एक बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने GST ढांचे में सुधार को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। अगर यह बदलाव लागू होता है, तो यह अब तक का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण सुधार होगा।

सूत्रों के अनुसार, यह प्रस्ताव संसद के मानसून सत्र के बाद होने वाली GST काउंसिल की बैठक में रखा जाएगा। इस बैठक में टैक्स स्लैब के पुनर्गठन को लेकर चर्चा की जाएगी।

क्या खत्म हो जाएगा 12% का टैक्स स्लैब?

फिलहाल GST में पांच प्रमुख टैक्स स्लैब हैं: 0%, 5%, 12%, 18% और 28%। इसके अलावा बुलियन (सोना-चांदी आदि) के लिए 0.25% और 3% के दो विशेष स्लैब भी हैं। सरकार 12% टैक्स स्लैब को पूरी तरह खत्म करने पर विचार कर रही है। प्रस्ताव के अनुसार, इस स्लैब में आने वाले सामानों को 5% या 18% की श्रेणी में शिफ्ट किया जा सकता है।

टैक्स स्लैब कुल वस्तुओं का प्रतिशत
5% 21%
12% 19%
18% 44%
28% 3%

बदलाव का उद्देश्य- सरलता और राहत

जानकारों का मानना है कि इस बदलाव से टैक्स प्रणाली को सरल और व्यावहारिक बनाया जा सकेगा। ग्राहकों और कारोबारियों दोनों को इससे राहत मिलेगी। लंबे समय से उद्योग जगत और कारोबारी संगठनों द्वारा टैक्स स्लैब और प्रक्रियाओं में बदलाव की मांग की जा रही थी।

सरकार ने पहले ही टैक्स की दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए एक मंत्री समूह (GoM) का गठन किया था, लेकिन अब तक कोई ठोस प्रगति नहीं हो पाई थी।

आर्थिक विकास को मिल सकता है बढ़ावा

नीति निर्माताओं का मानना है कि सरलीकृत GST ढांचा देश की अर्थव्यवस्था को नई गति दे सकता है। चूंकि टैक्स ढांचा अब काफी हद तक स्थिर हो चुका है और अर्थव्यवस्था में मजबूती है, इसलिए यह बदलाव का सही समय है।

इसके साथ ही सरकार कई मुक्त व्यापार समझौते (FTA) करने की तैयारी में है। इसलिए यह जरूरी हो गया है कि स्थानीय उद्योगों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में पीछे न रहना पड़े।

इनकम टैक्स कानून में भी होगा संशोधन 

सरकार इनकम टैक्स कानून में भी बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। इससे जुड़ा बिल मानसून सत्र में संसद में पेश किया जा सकता है। इसका उद्देश्य करदाताओं को राहत देने के साथ-साथ टैक्स प्रशासन को सरल बनाना है।

GST Slab big changes: also read- Sidhhartha Kiara Baby girl: सिद्धार्थ मल्होत्रा और कियारा आडवाणी बने माता-पिता, बेटी के जन्म की खुशखबरी दी सोशल मीडिया पर

मुआवजा उपकर की भूमिका और भविष्य

28% टैक्स स्लैब के साथ कुछ खास वस्तुओं जैसे सिगरेट और गाड़‍ियों पर मुआवजा उपकर लगाया जाता है। यह उपकर राज्यों को GST से हुए राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए लगाया गया था। यह व्यवस्था पहले जून 2022 तक थी, जिसे अब 31 मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया है। इसका उद्देश्य कोविड-19 के दौरान केंद्र द्वारा राज्यों के लिए लिए गए 2.69 लाख करोड़ रुपये के कर्ज की भरपाई करना है। GST काउंसिल द्वारा गठित मंत्री समूह यह तय करेगा कि भविष्य में इस उपकर को कैसे संभाला जाए और बची हुई राशि का उपयोग कहां किया जाए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button