Prayagraj news: कौशाम्बी नगर पालिका परिषद में गहरा भ्रष्टाचार उजागर, हाईकोर्ट ने जांच पूरी करने का दिया दो माह का अल्टीमेटम
Prayagraj news: कौशाम्बी जिले की नगर पालिका परिषद, मंझनपुर में व्याप्त भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायत पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार और संबंधित अधिकारियों को आड़े हाथों लिया है। मुख्य न्यायाधीश माननीय अरुण भंसाली एवं माननीय क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ ने जनहित याचिका संख्या 223/2025 पर सुनवाई करते हुए साफ निर्देश दिया है कि नगर पालिका के भ्रष्ट अधिकारियों (प्रतिवादी संख्या 7 एवं 8) के विरुद्ध चल रही प्रारंभिक जांच को दो माह के भीतर हर हाल में पूरा किया जाए।
जनता की आवाज बनी याचिका
यह जनहित याचिका सुभाष पांडे द्वारा दायर की गई थी, जिनके अधिवक्तागण अरविंद कुमार मिश्रा और अशोक कुमार दुबे ने कोर्ट में यह मजबूती से रखा कि नगर पालिका परिषद, मंझनपुर में करोड़ों रुपये के सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है। सड़कों, नालियों, पार्कों, लाइटें,और अन्य विकास कार्यों के नाम पर कागज़ों में खर्च दिखाकर भारी भ्रष्टाचार किया गया है। याचिका में प्रतिवादी अधिकारियों पर ठेके, भुगतान और निर्माण कार्यों में मिलीभगत के आरोप लगाए गए।
सरकारी वकीलों का बचाव और कोर्ट का स्पष्ट निर्देश
प्रतिवादीगण की ओर से सी.एस.सी., ए.सी.एस.सी. ए.के. गोयल एवं मदन मोहन श्रीवास्तव ने पक्ष रखा और यह दलील दी कि मामले की जांच पहले से चल रही है, तथा संबंधित अधिकारियों से जवाब-तलब किया गया है। साथ ही यह आरोप लगाया गया कि याचिका याचिकाकर्ता के रिश्तेदार नागेश्वर प्रसाद मिश्रा के विवाद को लेकर दुर्भावनावश दायर की गई है।
हालांकि, अदालत ने इस तर्क को मान्यता नहीं दी और स्पष्ट कहा कि जब शिकायत गंभीर है और जांच प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, तो अब उसे समयबद्ध रूप से निष्पादित करना जरूरी है। कोर्ट ने यह आदेश पारित करते हुए जांच को इस आदेश की तिथि (10 जुलाई 2025) से दो महीने के भीतर पूरा करने को कहा।
जनता में आक्रोश, प्रशासनिक साख पर सवाल
नगर पालिका परिषद, मंझनपुर के खिलाफ यह याचिका स्थानीय नागरिकों के भीतर बढ़ती नाराजगी और अव्यवस्था का परिणाम है। पार्कों के नाम पर झाड़-झंखाड़, अधूरी सड़कें, चाइनीज लाइटें और भुगतान के बावजूद अधूरे विकास कार्यों ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं। अब जब हाईकोर्ट ने स्वयं जांच की निगरानी का आदेश दिया है, तो जिम्मेदारों की जवाबदेही होना तय है।
याचिका संख्या: 2025:AHC:110616-DB
मामला: जनहित याचिका संख्या 223/2025
आदेश तिथि: 10 जुलाई 2025
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नगर पालिका परिषद मंझनपुर के कार्यों में पारदर्शिता की कमी और भ्रष्टाचार की परतें अब न्यायिक जांच के दायरे में हैं। यह फैसला उन तमाम नागरिकों के लिए उम्मीद की किरण है जो वर्षों से जवाबदेही और न्याय की राह देख रहे थे।