Bhola Singh SP leader illegal extortion- सराय अकिल में खत्म हो चुकी अनुमति के बावजूद बालू भंडारण से अवैध वसूली जारी, समाजवादी नेता पर आरोप
सराय अकिल क्षेत्र में जिला पंचायत की तय सीमा 30 जून को समाप्त, फिर भी 'रसीद शुल्क' के नाम पर ट्रक चालकों से उगाही जारी
Bhola Singh SP leader illegal extortion- उत्तर प्रदेश के कौशांबी ज़िले में सराय अकिल थाना क्षेत्र का पुरखास इलाका इन दिनों चर्चाओं में है। कारण – बालू भंडारण से जुड़ी अवैध वसूली, जो कि 30 जून को समाप्त हो चुकी जिला पंचायत की अनुमति के बावजूद अब भी जारी है।
ट्रक चालकों से अब भी ‘रसीद शुल्क’ के नाम पर पैसे वसूले जा रहे हैं, और इस पूरे अवैध कार्य में समाजवादी पार्टी से जुड़ा नेता भोला सिंह का नाम सामने आ रहा है, जो खुद को ठेकेदार बताता है।
अनुमति समाप्त, फिर भी चालू है वसूली
सूत्रों के अनुसार, जिला पंचायत द्वारा बालू भंडारण रूट पर वसूली की अनुमति 30 जून 2025 तक ही दी गई थी।
लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि
-
ट्रकों को अब भी रोका जा रहा है,
-
पर्चियां काटी जा रही हैं,
-
और उनसे शुल्क वसूला जा रहा है।
जबकि प्रशासन की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
ट्रक मालिकों की व्यथा: “हमसे जबरन वसूली हो रही है”
प्रभावित ट्रक मालिकों और चालकों का कहना है कि:
“हम पहले से ही ई-रवन्ना, टोल टैक्स और डीज़ल के बढ़ते दामों से परेशान हैं। अब यह अवैध रसीद शुल्क हमारे व्यवसाय को पूरी तरह नुकसान पहुँचा रहा है। विरोध करने पर धमकी मिलती है।”
भोला सिंह पर क्यों उठ रही उंगलियाँ?
भोला सिंह, जो पहले वैध रूप से ठेकेदार था, अनुमति खत्म होने के बाद भी बालू रूट से पैसे वसूलता रहा है।
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि:
-
वह अपनी राजनीतिक पहुंच का इस्तेमाल करके कार्रवाई से बच रहा है।
-
उसके आदमी ट्रकों को रोककर जबरन पर्ची थमा देते हैं।
-
प्रशासन सबकुछ जानते हुए भी चुप है।
प्रशासन की चुप्पी: लाचारी या मिलीभगत?
इस पूरे प्रकरण में प्रशासन की चुप्पी और निष्क्रियता ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं:
-
क्या प्रशासन को इस अवैध वसूली की जानकारी नहीं है?
-
अगर है, तो अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
-
क्या इस वसूली को किसी ‘ऊपरी संरक्षण’ का लाभ मिल रहा है?
कानूनी नजरिया: स्पष्ट उल्लंघन
स्थानीय कानून विशेषज्ञों का कहना है कि:
“एक बार अनुमति समाप्त हो जाने के बाद किसी भी प्रकार की वसूली पूरी तरह गैरकानूनी है। प्रशासन को तुरंत प्रभाव से हस्तक्षेप करना चाहिए।”
जनता की मांग: हो निष्पक्ष जांच, रोकी जाए अवैध वसूली
इस मामले ने क्षेत्रीय स्तर पर जन आक्रोश को जन्म दिया है।
लोगों की मांग है कि:
-
इस पूरे प्रकरण की स्वतंत्र जांच कराई जाए।
-
दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो।
-
जिला पंचायत, पुलिस और प्रशासन की भूमिका की भी जांच हो।