Uttarakhand Heavy Rain Alert: प्रदेश के नौ जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, केदारनाथ मार्ग में फंसे यात्रियों को निकालने का अभियान जारी

Uttarakhand Heavy Rain Alert: उत्तराखंड में मानसूनी बारिश का सिलसिला लगातार जारी है, जिसने जनजीवन और यात्रा को प्रभावित किया है। मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून ने गुरुवार को प्रदेश के नौ जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है, जबकि अन्य क्षेत्रों में भी गरज-चमक के साथ तेज बारिश की संभावना जताई गई है।

इन जिलों में येलो अलर्ट जारी

मौसम विभाग के अनुसार, नैनीताल, उधमसिंह नगर, चंपावत, अल्मोड़ा, टिहरी, देहरादून, हरिद्वार, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में गुरुवार को भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि बारिश के कारण भूस्खलन की संभावनाओं को देखते हुए संबंधित जिलों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

केदारनाथ यात्रा बंद, फंसे यात्रियों को निकालने का कार्य जारी

बारिश और भूस्खलन के कारण केदारनाथ यात्रा बुरी तरह प्रभावित हुई है। केदारनाथ हाईवे पर सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच पहाड़ टूटने से लगभग 70 मीटर हिस्सा पूरी तरह से वॉशआउट हो गया है, जिसके बाद केदारनाथ धाम की यात्रा स्थायी रूप से बंद कर दी गई है। लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण मार्ग लगातार प्रभावित हो रहा है। गौरीकुंड में फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए जंगलों के रास्ते वैकल्पिक मार्ग बनाया जा रहा है।

गौरीकुंड-सोनप्रयाग मार्ग पूरी तरह बाधित, लगेंगे 2-3 दिन

पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रल्हाद कोंडे ने जानकारी देते हुए बताया कि लगातार हो रही बारिश के चलते गौरीकुंड से सोनप्रयाग की तरफ पहाड़ी से सड़क पर मलबा और पत्थर आने के कारण मार्ग मंगलवार शाम से पूरी तरह से बाधित है। उन्होंने बताया कि मुनकटिया और गौरीकुंड के मध्य बाधित हुए सड़क मार्ग का करीबन 70 मीटर हिस्सा पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त है। इस सड़क मार्ग का वैकल्पिक पैदल मार्ग भी टूट गया है, जिससे मार्ग के सुचारु होने में दो से तीन दिन का समय लगने की संभावना है।

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यात्रियों से अपील और राहत कार्य जारी

पुलिस अधीक्षक ने केदारनाथ धाम यात्रा पर आ रहे यात्रियों से सावधान और सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने बताया कि मार्ग के खुलने की जानकारी जनपद के सोशल मीडिया सेल के माध्यम से साझा की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि गौरीकुंड की तरफ फंसे यात्रियों को निकालने का कार्य लगातार जारी है। इसके लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें जंगलों में पैदल मार्ग बनाते हुए युद्धस्तर पर कार्य कर रही हैं ताकि सभी फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।

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