Sonbhadra News-भाकपा नेता के नेतृत्व में किसानों ने ए.आर.-कोआपरेटिव का किया घेराव
Sonbhadra News-शुक्रवार को खाद व लैंपस की जटिल समस्या को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता कामरेड आर.के. शर्मा के नेतृत्व में कनछ व कन्हौरा गांव के दर्जनों किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे। किसानों ने अपनी शिकायतों का लिखित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। जिलाधिकारी ने समस्याओं का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए समाधान का आश्वासन दिया।
इसी दौरान ए.आर.-कोआपरेटिव भी कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे, जहां किसानों ने भाकपा नेता आर.के. शर्मा के नेतृत्व में उनका घेराव कर नारेबाजी की और समस्याओं से अवगत कराया।
कामरेड शर्मा ने बताया कि 12 अगस्त को भी राज्यव्यापी धरना-प्रदर्शन के दौरान जिलाधिकारी को पत्रक सौंपा गया था, जिसमें कनछ व कन्हौरा गांव के किसानों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया गया था। किसानों की शिकायत है कि उन्हें खाद-बीज लेने के लिए 45-50 किमी दूर “कोटा-लैंपस” जाना पड़ता है, जबकि नजदीकी सहकारी क्रय-विक्रय समिति चोपन में उपलब्ध है। इसके बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे किसानों में प्रशासन के प्रति नाराजगी बढ़ रही है।
किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि जनपद में खाद-बीज की कालाबाजारी और समितियों में भ्रष्टाचार चरम पर है। विक्रेताओं द्वारा यूरिया-डीएपी को अधिक दामों पर बेचे जाने की शिकायत लगातार मिल रही है। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आक्रोश और गहराएगा और किसान आंदोलन को बाध्य होंगे।
किसानों की प्रमुख मांगें –
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कनछ व कन्हौरा गांव के किसानों को कोटा-लैंपस से हटाकर नजदीकी सहकारी क्रय-विक्रय समिति, चोपन से जोड़ा जाए।
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सभी सहकारी समितियों में पर्याप्त भंडारण की व्यवस्था हो और भ्रष्टाचार पर रोक लगे।
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जनपद में खाद-बीज की कालाबाजारी तत्काल बंद हो तथा किसानों को निर्धारित दर पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जाए।
किसानों के दबाव पर ए.आर.-कोआपरेटिव ने गंभीरता दिखाते हुए नाबार्ड के डीडीएम से फोन पर किसानों की वार्ता कराई। डीडीएम ने आश्वासन दिया कि सितंबर माह में कनछ व कन्हौरा गांव के किसानों के लिए स्थानीय स्तर पर नया लैंपस स्थापित किया जाएगा। इस पर किसानों ने संतोष जताया।
इस मौके पर ए.आर.-कोआपरेटिव के साथ अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। आंदोलन में प्रमुख रूप से अशोक मौर्या (प्रधान प्रतिनिधि कन्हौरा), शिवलाल (पूर्व प्रधान कनछ), अमरनाथ, वीरेंद्र दूबे, गजानंद गुप्ता, योगेंद्र चंद्रवंशी, मनोज कुमार, शंकर भारती, प्रेमचंद्र गुप्ता, हृदय नारायण, रामनाथ, राजेंद्र प्रसाद, रामसकल सहित बड़ी संख्या में किसान शामिल रहे।
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