Prayagraj News-प्रदेश में कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत 14.15 लाख युवाओं को दिया गया प्रशिक्षण व 5.50 लाख हुए सेवायोजित
Prayagraj News-प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए अनेको योजनायें संचालित कर उन्हें रोजगार से लगा रहे है। उ०प्र० कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण दिलाते हुए ष्सबको हुनर, सबको कामष् की नीति पर चलते हुए प्रदेश सरकार युवाओं/युवतियों को आत्मनिर्भर और सशक्त बना रही है। प्रदेश के बहुत से युवक/युवतियों शिक्षित तो होते है, किन्तु बिना किसी हुनर, कौशल के वे रोजगार से नहीं लग पाते है। प्रदेश सरकार उन्हें रोजगार से लगाने के लिए कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण दिलाती है और सम्बन्धित ट्रेड्स में प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरान्त उन्हें स्वयं का बिजनेस, उद्यम स्थापित करने के लिए सहयोग एवं सरकारी/निजी क्षेत्र में सेवायोजित कराती है।
उ०प्र० कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण लेने वाले अभ्यर्थियों के लिए यह जरूरी है कि वह उ०प्र० का मूल निवासी हो और उसकी आयु 18 से 35 वर्ष की होना चाहिए। कुछ ट्रेर्ड्स में आयु में शिथिलता है। प्रशिक्षण लेने के लिए आवेदक को आवेदन ऑनलाइन भरते समय आधार कार्ड, निवास, आयु, शैक्षिक योग्यता के प्रमाण, बैंक खाता नम्बर, पासपोर्ट साइज की फोटो, मोबाइल नम्बर आदि संलग्न करना होता है। प्रदेश मेें राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की संख्या को बढ़ाकर 324 किया गया है, जिससे वर्तमान में प्रवेशित सीटों की संख्या 1.84 लाख हो गयी है। अप्रेन्टिसशिप योजना के अन्तर्गत वर्ष 2024 में 69 हजार से अधिक युवाओं को उद्योगों व एम०एस०एम०ई० में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
उ०प्र० कौशल विकास मिशन द्वारा विगत 08 वर्षों में 14.15 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया जिनमें से 5.40 लाख युवाओं को सेवायोजन भी प्राप्त हुआ। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा उद्योगों की मँाग के अनुरूप राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन (एन०एस०डी०सी०) तथा कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अनुमोदित क्वालिफिकेशन पैक्स/नेशनल आवयूपेशनल स्टैण्डर्ड आधारित कुल 38 सेक्टर्स से 2750 से अधिक पाठ्यक्रम अनुमन्य किये गये है। वर्तमान में 452 निजी प्रशिक्षण प्रदाता, 334 राजकीय प्रशिक्षण प्रदाता और 25 फ्लैक्सी प्रशिक्षण प्रदाता मिशन, 34 दिव्यांग प्रशिक्षण प्रदाता, 268 स्टार्ट-अप प्रशिक्षण प्रदाता तथा 10 एन०एस०डी०सी० तथा एस०एस०सी० प्रशिक्षण प्रदाता उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के साथ आबद्ध किये जा चुके है। इसके अतिरिक्त दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के अन्तर्गत 415 प्रशिक्षण को भी अनुबंधित किया गया है।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वर्ष 2027 तक 01 ट्रिलियन डालर के स्तर तक ले जाने के उद्देश्य से मैन पॉवर तैयार किये जा रहे है। यू०पी०जी०आई०एस० 2023 में विभाग हेतु 71 निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिससे रू0 7031 करोड़ की धनराशि का निवेश अग्रेतर वर्षों में होने की सम्भावना है। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा स्कूली छात्र व छात्राओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किये जाने के उद्देश्य से प्रोजेक्ट प्रवीण प्रारम्भ किया गया है। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से अधिकाधिक युवाओं को प्रशिक्षित कर सेवायोजित कराये जाने का लक्ष्य है। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन को अवॅार्डिंग बांडी की मान्यता प्राप्त करा कर अपने मॉगपरक पाठ्यक्रम तैयार करने, मूल्यांकन व प्रमाण-पत्र प्रदान करने हेतु सक्षम बनाया गया है।
राजकीय आई०टी०आई० में इन्डस्ट्री 4.0 की अपेक्षाओं के अनुरूप अभिनव ट्रेड्स यथा ड्रोन टेक्नोलॉजी में प्रशिक्षण प्रारम्भ कराया गया है। इसके साथ-साथ नवीन प्रौद्योगिकी व सेवाक्षेत्र यथा इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी तथा लाजिस्टिक्स से सम्बन्धित प्रशिक्षण प्रदान करने के लिये आई०वी०एम०, टी०सी०एस० तथा फ्लिपकार्ट जैसी कम्पनियों के साथ अनुबंध किया गया है। उद्योगों की माँग एवं इन्डस्ट्री 4.0 की आकांक्षाओं के अनुसार एवं सेवायोजकता के दृष्टिगत टीटीएल एवं उनके कन्सोटियम द्वारा सी०एस०आर० के सहयोग से 149 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों एवं 01 प्रादेशिक स्टाफ प्रशिक्षण एवं शोध केन्द्र में कौशलम केन्द्र की स्थापना की गयी जिसमें 11 दीर्घकालीन न्यू एज कोर्स एवं 23 शार्ट टर्म कोर्सेस का प्रशिक्षण कराया जा रहा है। वर्तमान में 11,000 से अधिक प्रशिक्षार्थी प्रशिक्षणरत है। इस परियोजना में रू0 4,282 करोड़ की धनराशि का निवेश किया गया है।
शिल्पकार अनुदेशक प्रशिक्षण योजना (सी०आई०टी०एस०) के अन्तर्गत प्रादेशिक स्टॉफ शिक्षण एवं शोध केन्द्र (आई०टी०ओ०टी०) लखनऊ में संचालित 06 व्यवसायों को बढ़ाकर 10 व्यवसायों का कराया जा रहा है। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के 39 हजार से अधिक प्रशिक्षार्थियों को उद्योगों व एम०एस०एम०ई० में प्रथम बार 07 से 15 दिवस की ऑन-जॉब ट्रेनिंग कराई गई है। उ०प्र० कौशल विकास मिशन द्वारा दिव्यांगों हेतु विशिष्ट प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित कर संचालित कराये गये हैं। प्रशिक्षण में उद्योगों की सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदेश के 227 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में संचालित हो रहे व्यवसायों में से 52 व्यवसायों की 17,156 सीटों को ड्यूल सिस्टम ऑफ ट्रेनिंग (DST) के अन्तर्गत 03 से 06 माह का प्रशिक्षण अनुबन्धित किया गया है।
प्रधानमंत्री इन्टर्नशिप योजना/अप्रैन्टिसशिप योजना की ब्रान्डिंग करते हुये अधिक से अधिक युवाओं को भत्ते के साथ उद्योगों में प्रशिक्षण प्रदान कराया जा रहा है। अप्रैन्टिसशिप प्रशिक्षण उद्योगों में केन्द्र सरकार द्वारा ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से संचालित किया जा रहा है एवं योजना के प्रोत्साहन हेतु एन०ए०पी०एस० लागू करते हुये सम्बन्धित अधिष्ठान द्वारा प्रदान की गयी वृत्तिका के सापेक्ष 25 प्रतिशत (अधिकतम 1500/- प्रशिक्षार्थी प्रति गाह) की प्रतिपूर्ति की जाती है। उक्त योजना के अन्तर्गत प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री अप्रैन्टिस प्रोत्साहन योजनान्तर्गत रू0 1000/- प्रति प्रशिक्षार्थी प्रति माह की प्रतिपूर्ति की जा रही है।
उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन को अपनी उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए पिछले 05 वर्षों में 05 पुरस्कार प्राप्त हुये है, जिनमें एसोचौम द्वारा वर्ष 2018-19 में वेस्ट स्टेट इन स्किलिंग की गोल्ड ट्राफी, वर्ष 2020-21 में इलैट्स द्वारा 17वीं वर्ल्ड एजूकेशन समिट, 2020 में कोर्स राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय ऑन लाइन लर्निंग प्लेटफार्म के माध्यम से प्रदेश के 50 हजार छात्रों को निःशुल्क प्रशिक्षण सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सर्टिफिकेट ऑफ रिक्गनीशन स्काच ग्रुप द्वारा स्किल इनीशिएटिवस के लिये गोल्ड सर्टीफिकेट तथा कम्प्यूटर सोसाइटी ऑफ इण्डिया द्वारा ई-गर्वनेन्स श्रेणी में एवार्ड ऑफ एप्रीसिएशन सम्मिलित है।
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रिपोर्ट: राजेश मिश्रा