Kanpur news: कानपुर की 55 वर्षीय महिला ने कैंसर पर पाई जीत, अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल में सफल व्हिपल्स सर्जरी
Kanpur news: 55 वर्षीय महिला, जो पीलिया और तेज बुखार से परेशान थीं, की जांच में सामने आया कि उन्हें पेरिअम्पुलरी कार्सिनोमा (एक प्रकार का कैंसर) है। इस वजह से उनकी पित्त नली पूरी तरह बंद हो गई थी और गंभीर संक्रमण (एक्यूट कोलेंजाइटिस) ने उनकी स्थिति को और भी नाजुक बना दिया था। लेकिन चुनौतियों के बीच उम्मीद की किरण बनी कानपुर का अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, जहां डॉक्टरों ने सूझबूझ और धैर्य से इलाज कर उन्हें नई जिंदगी दी।
पहले नियंत्रित किया संक्रमण और पीलिया
डॉक्टरों ने तत्काल बड़ी सर्जरी न कर, पहले उनका पीलिया और संक्रमण नियंत्रित किया। इसके लिए ईआरसीपी स्टेंटिंग की गई और एंटीबायोटिक्स देकर उनकी स्थिति सुधारी गई। साथ ही उन्हें पौष्टिक आहार, हल्का व्यायाम और फिजियोथेरेपी दी गई। सिर्फ चार हफ्तों में उनका वजन 5 किलो बढ़ा और शरीर सर्जरी के लिए तैयार हो गया।
8 घंटे चली जटिल व्हिपल्स सर्जरी
उसके बाद हुई व्हिपल्स सर्जरी (पैंक्रियाटिकोडुओडेनेक्टॉमी), जो करीब 8 घंटे तक चली। इस दौरान पैंक्रियास का सिर, ड्यूडेनम, पेट का एक हिस्सा और जीजूनेम निकालकर शेष अंगों को आपस में जोड़ा गया। सर्जरी के बाद महिला को आईसीयू में रखा गया और चौथे दिन से वे सामान्य भोजन लेने लगीं। धीरे-धीरे उनकी सेहत में उल्लेखनीय सुधार हुआ।
Kanpur news: also read– Hairfall treatment tips: बदलते मौसम में हेयर फॉल की समस्या, सिर्फ प्रोडक्ट्स नहीं, अपनाएं ये आसान टिप्स
डॉक्टर बोले “तैयारी ही सफलता की कुंजी”
डॉ. साद अनवर ने बताया कि व्हिपल्स सर्जरी बेहद जटिल होती है, लेकिन मरीज को पहले शारीरिक और पोषण की दृष्टि से मजबूत बनाना सफलता की कुंजी है। उन्होंने कहा “यह केस इस बात का उदाहरण है कि समय पर सही इलाज, धैर्य और मरीज की इच्छाशक्ति से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से भी जीत संभव है।” यह सफलता न केवल चिकित्सा विज्ञान की प्रगति का प्रमाण है बल्कि गंभीर बीमारियों से जूझ रहे अन्य मरीजों के लिए भी प्रेरणा की कहानी है।